लखनऊ। पंचायत चुनाव में लखनऊ के मलिहाबाद क्षेत्र के कसमंडी खुर्द ग्राम सभा के नवनिर्वाचित प्रधान पर गलत तरीके से चुनाव लड़ने का आरोप लगा है। इसको बीजेपी सांसद कौशल किशोर ने भी मुद्दा बना लिया है। उन्होंने जांच करने की मांग की है। प्रधान पर आरोप है कि उसने गलत तरीके से जाति प्रमाण पत्र बनवाकर चुनाव लड़ा है।
गलत तरीके से अनुसूचित जाति का प्रमाण पत्र जारी करवाकर आरक्षण प्राप्त करने वाले नव निर्वाचित ग्राम प्रधान का शपथ ग्रहण रद करने के लिए ग्रामीणों ने शिकायत की है। उन्होंने डाक द्वारा कानून मंत्री, पंचायती राज मंत्री, पंचायती राज अधिकारी, जिलाधिकारी, राज्य निर्वाचन आयोग, उपजिलाधिकारी, अनुसूचित जाति आयोग, खण्ड विकास अधिकारी और रिटर्निंग अधिकारी व जनसुनवाई पोर्टल के माध्यम से अपनी आपत्ति दर्ज कराई है।
जनपद लखनऊ के विकासखंड मलिहाबाद की गांव पंचायत कसमंडी खुर्द के प्रधान पद का आरक्षण अनुसूचित जाति के लिए निर्धारित था जो चुनाव जीता है उसको प्रधान जीतने का प्रमाण पत्र सलीम के नाम से जारी हुआ है पत्नी भी मुस्लिम है सलीम का अनुसूचित जाति का प्रमाण पत्र कैसे बना यह बड़ा सवाल है।
— Kaushal Kishore (@mp_kaushal) May 22, 2021
शिकायतकर्ता अनिल कुमार मौर्य व हिमांशु निगम की शिकायत के मुताबिक बीते 19 अप्रैल को जनपद लखनऊ की विकासखंड में हुए प्रधानी चुनाव में संविधान के नियम विरुद्ध तहसील से अनुसूचित जाति का जाति प्रमाणपत्र जारी कर गलत तरीके से आरक्षण दिया गया है।
मलिहाबाद की ग्राम पंचायत कसमंडी खुर्द के प्रधान पद का आरक्षण अनुसूचित जाति के लिए निर्धारित था। जो प्रधान प्रत्याशी चुनाव जीता है उसको प्रधान जीतने का प्रमाण पत्र सलीम पुत्र शिव गुलाम के नाम से जारी हुआ है। सलीम की पत्नी नाज भी मुस्लिम हैं जो विकास खण्ड मलिहाबाद की ग्राम पंचायत फिरोजपुर के मजरे सदरपुर की रहने वाली हैं। ऐसे में सलीम का अनुसूचित जाति का प्रमाण पत्र तहसील से कैसे जारी किया गया यह एक बड़ा सवाल है।
भारतीय संविधान के आदेश 1950 के पैरा 3 में यह साफ तौर पर लिखा है यदि कोई अनुसूचित जाति का व्यक्ति मुस्लिम धर्म के रीति रिवाज से रहता है और मुस्लिम धर्म का अनुपालन करता है तो वह अनुसूचित जाति की श्रेणी में नहीं आएगा इसका मतलब है
— Kaushal Kishore (@mp_kaushal) May 22, 2021
बीजेपी सांसद कौशल किशोर ने सवाल उठाते हुए कहा है कि भारतीय संविधान के आदेश 1950 के पैरा 3 में यह साफ तौर पर लिखा है यदि कोई अनुसूचित जाति का व्यक्ति मुस्लिम धर्म के रीति रिवाज से रहता है और मुस्लिम धर्म का अनुपालन करता है तो वह अनुसूचित जाति की श्रेणी में नहीं आएगा। इसका मतलब है सलीम का अनुसूचित जाति का प्रमाण पत्र गलत जारी किया गया है। यह चुनाव रद्द होना चाहिए और नए सिरे से ग्राम प्रधान का चुनाव होना चाहिए। इस पूरे प्रकरण में अनुसूचित जाति के लोगों के अधिकारों का हनन हुआ है।
सलीम का अनुसूचित जाति का प्रमाण पत्र गलत जारी किया गया है यह चुनाव रद्द होना चाहिए और नए सिरे से ग्राम प्रधान का चुनाव होना चाहिए।@myogiadityanath @myogioffice @ANINewsUP @aajtak @CMOfficeUP @PMOIndia
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स्थानीय ग्रामीणों का आरोप है कि चुनाव नामांकन के दौरान सलीम का जाति प्रमाणपत्र उनके प्रस्तावक व प्रधानी संचालक तारिक यूसुफ खां द्वारा समस्त बातों को छुपाते हुए तहसील में अधिकारियों को गुमराह करते हुए बनवाया गया है। इसलिए सलीम अनुसूचित जाति का आरक्षण प्राप्त करने के योग्य नही है। इसलिये अधिकारियों की लापरवाही को समझते हुए तत्काल ग्राम पंचायत कसमंडी खुर्द का शपथ ग्रहण रोका जाए साथ ही न्यायहित में जांच कर कानूनी कार्यवाही की मांग की है।