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पारिवारिक रिश्तों को स्लो प्वाइजन दे रहा मोबाइल इंटरनेट

पारिवारिक रिश्तों को स्लो प्वाइजन दे रहा मोबाइल इंटरनेट

KUMAR VINAY & Shravan Kumar Tiwari

लखनऊ: मोबाइल इंटरनेट का प्यार सात जन्मों के बंधन पर भारी पड़ता जा रहा है। हद से सोशल नेटवर्किंग के इस्तेमाल से पति-पत्नी के बीच विवादों की दीवार खड़ी होने लगी है। लिहाजा शक के बाद सात जन्मों का बंधन थाना-पुलिस, चौकी में एक-दूसरे पर आरोप लगाते हुए दिखाई पड़ रहे हैं। अलाम यह है कि, मोबाइल इंटरनेट की वजह से पति-पत्नी के बीच तलाक की नौबत पहुंच चुकी है। इन दिनों राजधानी लखनऊ के फैमिली कोर्ट में तलाक के मामले बढ़ने लगे है। इनमें पति-पत्नी एक दूसरे के साथ रहना नहीं चाहते हैं।

काउंसलर भी दे रहे हैं सलाह

दरअसल, फैमिली कोर्ट के वकीलों का कहना है कि अब तक जितने भी मामले आ रहें हैं। इनमें पत्नियों का आरोप है कि, दिनभर उनके पति मोबाइल इंटरनेट में व्यस्त रहते हैं। वह परिवार के साथ समय नहीं देते हैं। तो कई महिलाएं अपने पति एक्स्ट्रा मैरिड अफेयर का आरोप लगाती है। हांलाकि फैमिली कोर्ट के काउंसलर सुनवाई के दौरान दोनों पक्षों को मोबाइल पर ज्यादा व्यस्त न होकर परिवार के साथ समय बिताने की सलाह देते हैं। ताकि दंपती जीवन में मिठाई और मजबूती बनी रहे।

बढ़ने लगे तलाक के मामले

फैमिली कोर्ट की कांउसलर फरीदा जलाल के मुताबिक, राजधानी के अलावा अन्य जिलों से भी दंपती तलाक के लिए अर्जी डालते हैं। अगर आंकड़ों की बात की जाए तो साल 2019 में तलाक के करीब 10,765 मामले समाने आए थे। इनमें तीन हजार से ज्यादा रिश्ते मोबाइल इंटरनेट की वजह से टूटते दिखाई पड़ते थे। जबकि 2020 में देशव्यापी लॉकडाउन के कारण लोगों अपने घरों में नज़रबंद दिखे। इस दौरान पुरूषों के लिए समय व्यतीत करने के लिए इंटरनेट अच्छा साधन रहा। जबकि लॉकडाऊन में महिलाएं दिनभर कीचन और घरेलू कामकाज में व्यस्त रहीं। साल 2020 में तलाक के कुल 12,854 मामले प्रकाश में आए हैं। इनमें मोबाइल इंटरनेट के चार हजार से भी ज्यादा केस थे। जबकि साल 2021 में कुल 3276 मामले दर्ज हुए है । हालांकि 01 जून से 01 जुलाई तक 875 तलाक के लिए दंपत्तियों ने आवेदन किया है। जिनकी सुनवाई कोर्ट में चल रही है।

तलाक की वजह बना इंटरनेट

फैमिली कोर्ट के वकील सुरेश दयाल का कहना है कि देशव्यापी लॉकडाउन में घरेलू विवादों में इजाफा हुआ है। इनमें तलाक के केस बढ़े हैं। वैश्विक महामारी कोरोना वायरल के चलते कोर्ट बंद था। फिर दंपती तलाक के लिए कॉल करते थे। बताया कि फैमिली कोर्ट में रोजाना हजारों केस फाइल होते है। इन केस में दंपती एक दूसरे से अलग रहना चाहते हैं। लॉकडाउन के साइड इफेक्ट के कारण महिलाएं अपने पति से तलाक मांग रही है। इसके प्रक्रिया में वह आवेदन करती है। एक्सपर्ट की मानें तो, लोगों में सहनशीलता खत्म हो चुकी है। चो चाहे महिला हो या फिर पुरूष। रिश्तों को बचाए रखने के लिए किसी एक को नर्म होना पड़ता है। लेकिन मौजूद समय में लोग झुकना पसंद नहीं करते हैं। कई रिश्तों की टूटने की वजह अहम भी होती है।

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