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अखिलेश के विरोध के बाद भी सपा में कौमी एकता दल का विलय

Akhilesh 1 अखिलेश के विरोध के बाद भी सपा में कौमी एकता दल का विलय

लखनऊ। सपा सरकार मे शिवपाल का क्या दबदबा है यह आज साबित हो गया। मुख्यमंत्री अखिलेश यादव की नाराजगी को नजरंदाज करते हुए माफिया डॉन मुख्तार अंसारी का विलय समाजवादी पार्टी में करवा दिया गया। कौमी एकता दल के सपा में विलय होने की बात काफी समय से चलती आ रही थी लेकिन मुख्यमंत्री अखिलेश इस बात से खफा थे। हाल ही में पारिवारिक लड़ाई मंे जिस तरह से सपा प्रमुख ने शिवपाल को तरजीह दी, उसी के बाद आज मुख्यमंत्री के गुस्से को नजरअंदाज करते हुए कौमी एकता दल को सपा में शामिल कर दिया गया। इसकी जानकारी शिवपाल यादव नें प्रेस वार्ता करके दी।

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प्रेस कांफ्रेंस को संबोधित करते हुए कैबिनेट मंत्री और सपा प्रदेश अध्यक्ष शिवपाल यादव ने कहा, “नेताजी की अनुमति के बाद कौमी एकता दल का समाजवादी पार्टी में विलय हो चुका है। साथ ही उन्होन यह भी कहा कि इसमें अखिलेश यादव की भी सहमती थी। गौरतलब है कि हाल में पार्टी में हुए घमासान की एक वजह यह भी थी क्योंकि अखिलेश कौमी एकता दल को सपा में शामिल करने के पक्ष में नहीं थे। इससे पहले शिवपाल यादव ने जून में कौमी एकता दल का विलय समाजवादी पार्टी में करवाया तो मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने अपनी नाराजगी मुलायम सिंह के करीबी बलराम यादव को कैबिनेट से बर्खास्त कर जताई।

कौमी एकता दल के सपा में विलय होती ही विरोधियों ने तंज कसने शुरु कर दिया है, कांग्रेस नके प्रवक्ता ने कहा कि समाजवादी पार्टी में हमेशा से ही अपराधियों को भरपूर संरक्षण मिलता रहा है. लेकिन मुलायम सिंह यादव कौमी एकता दल को शामिल कर लें या किसी और को गुंडाराज का खत्म 2017 में होकर रहेगा। बहरहाल इससे यह साफ होता है कि पार्टी में एकाधिकार की लड़ाई अभी थमी नहीं है, चाचा शिवपाल का यह फैसला आने वाले चुनावी समर में क्या परिणाम लाता है यह देखने वाली बात होगी।

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