लखनऊ। यूपी के सरकारी विभागों में ट्रांसफर का मामला इन दिनों गरमाया हुआ है। इस बीच यूपी के लोक निर्माण विभाग (पीडब्ल्यूडी) में भी ट्रांसफर के दौरान नियमों की अनदेखी किए जाने का मामला सामने आया है। जिसके बाद से कर्मचारियों में रोष फैल रहा है। सबसे दिलचस्प बात यह है कि जिस अधिकारी ने ट्रांसफर किया, वो खुद ट्रांसफर होकर दूसरी जगह चले गए हैं, उनकी जगह पर आए अधिकारी का दावा है कि मामला संज्ञान में नहीं है। ऐसे में कर्मचारियों के बीच नाराजगी बढ़ती जा रही है।
मामला लोक निर्माण विभाग के मध्य क्षेत्र का है। यहां पर सहायक संवर्ग के विभिन्न पदों पर कार्यरत करीब 87 कर्मचारियों का तबादला अधीनस्थ कार्यालयों में किया गया है। इसमें से करीब 72 कर्मचारियों का ट्रांसफर लखनऊ में अधीनस्थ कार्यालयों में किया गया है। जबकि 10 का लखीमपुर खीरी और पांच का सीतापुर में हुआ है। यह आदेश 15 जुलाई को लोक निर्माण विभाग मध्य क्षेत्र के तत्कालीन मुख्य अभियंता अंबिका सिंह ने जारी किया है। इस आदेश के बाद वह खुद ट्रांसफर होकर गोंडा चले गए हैं।
कर्मचारियों की शिकायत
ट्रांसफर किए गए अधिकांश कर्मचारियों का कहना है कि इस तबादले में नियमों की अनदेखी की गई है। नियमों के अनुसार सात साल से एक ही पटल पर काम कर रहे लोगों का ट्रांसफर होना है। जबकि, यहां पर कई कर्मचारी ऐसे हैं जो 20 साल से अपनी जगह पर बने हुए हैं, उनका अब तक कहीं भी ट्रांसफर नहीं किया गया है। इस बार भी ट्रांसफर में ऐसे कई कर्मचारियों को छोड़ दिया गया है। जबकि सात-आठ साल से काम कर रहे कर्मचारियों को ट्रांसफर किया गया है।
कर्मचारियों की मांग
कर्मचारियों की मांग है कि नियमों के अनुसार ही ट्रांसफर किए जाएं। नियम के अनुसार सात साल के बाद ट्रांसफर होता है, लेकिन अगर कोई 20 साल या 15 साल से है तो सबसे पहले उसका ट्रांसफर होना चाहिए ना कि 7 साल या 10 साल वाले का। कर्मचारियों की मांग है कि नियमों की अनदेखी ना की जाए।
चपरासी-मेड भिड़ा रहे सेटिंग
नाम नहीं छापने की शर्त पर एक कर्मचारी ने बताया कि ट्रांसफर सूची जारी होने के बाद अब कई लोग जुगाड़ से रूकने की कोशिशों में जुटे हुए हैं। इसके लिए अधिकारियों के चपरासी औ मेड से संपर्क साधे जा रहे हैं। कर्मचारी ने बताया कि एक चपरासी और मेड तो साफ कह रहे हैं कि पांच-छह लोगों का वो ट्रांसफर रूकवा सकते हैं। लेकिन, इसके लिए खर्च करना होगा।
दावा: नियमानुसार किया गया है ट्रांसफर
लोक निर्माण विभाग मध्य क्षेत्र के तत्कालीन मुख्य अभियंता अंबिका सिंह ने भारत खबर से बताया कि ट्रांसफर के दौरान नियमों का पूरा पालन हुआ है। जो लंबे समय से टिके हुए थे, उनका ट्रांसफर किया गया है। कर्मचारियों की शिकायतों को उन्होंने झूठा बताया है। उन्होंने कहा कि इसकी कोई भी जांच कर सकता है।
नए मुख्य अभियंता बोले- संज्ञान में नहीं है मामला
अंबिका सिंह की जगह पर चार्ज संभालने वाले नए मुख्य अभियंता राजेंद्र कुमार हार्दहा ने बताया कि उन्होंने अभी ज्वाइन किया है। मामला संज्ञान में नहीं आया है। कर्मचारियों से मामला जुड़ा हुआ है। इसका संज्ञान लेकर वे नियमानुसार निर्णय लेंगे।