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पुतिन ने किया संविधान में दूसरा सबसे बड़ा बदलाव, राष्ट्रपति पद से हटने के बाद भी नहीं होगा कोई मुकदमा

4febc891 1ba6 4963 907d 961a38005224 पुतिन ने किया संविधान में दूसरा सबसे बड़ा बदलाव, राष्ट्रपति पद से हटने के बाद भी नहीं होगा कोई मुकदमा

रूस। 68 साल के व्लादिमीर पुतिन इस समय रूस के राष्ट्रपति पद पर काबिज हैं। पुतिन आए दिन संविधान में संशोधन करते रहते हैं। पहले राष्ट्रपति पुतिन ने अपने कार्यकाल को लेकर संशोधन किया था। जिसमें वे 2036 तक पद पर काबिज रह सकते थे। जिसके बाद अब व्लादिमीर पुतिन एक और संशोधन करने जा रहे हैं। जिसके तहत रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के पद से हटने के बाद भी उन पर आपराधिक मुकदमा नहीं हो पाएगा। बीबीसी की रिपोर्ट के मुताबिक, रूस के दोनों सदनों से बिल पास होने के बाद खुद पुतिन ही इस संशोधन पर हस्ताक्षर करेंगे।

इस पूर्व राष्ट्रपति को मिलेगा पुतिन के नए कानून का लाभ-

बता दें कि रूसी संसद के निचले सदन डुमा ने नए बचाव विधेयक को समर्थन दे दिया है। इस वक्त रूस के सिर्फ एक पूर्व राष्ट्रपति दमित्री मेदवेदेव जीवित हैं जिन्हें पुतिन के साथ नए कानून का लाभ मिलेगा। दमित्री मेदवेदेव पुतिन के सहयोगी हैं। नए विधेयक के तहत रूस के पूर्व राष्ट्रपति के साथ-साथ उनके परिवार के लोग भी पुलिस जांच और पूछताछ के दायरे से बाहर होंगे। साथ ही इन लोगों की संपत्ति भी जब्त नहीं की जा सकती। पुतिन की उम्र 68 साल है और उनका चौथा कार्यकाल 2024 में पूरा हो रहा है, लेकिन संवैधानिक बदलाव के बाद वे छह साल के दो और कार्यकाल पूरा कर सकते हैं। पुतिन साल 2000 से ही रूस की सत्ता में हैं। हालांकि, नए बचाव विधेयक में असाधारण परिस्थितियों में किए गए गंभीर अपराध और राजद्रोह के मामलों को अपवाद की श्रेणी में रखा गया है। यानी इन स्थितियों में पूर्व राष्ट्रपतियों पर भी मुकदमा हो सकता है।

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