लखनऊ। मौसम विभाग के अनुसार भले ही मानसून तय वक्त से दो दिन की देरी से आएगा लेकिन पूर्वांचल के हाल बिल्कुल अलग हैं। पूर्वांचल के आजमगढ़, मऊ, गाजीपुर, बलिया, जौनपुर, वाराणसी समेत कई जिलों पिछले करीब एक हफ्ते से लगातार बारिश हो रही है। मानसून के पहले लगातार हो रही बारिश से जन-जीवन अस्त व्यस्त हो गया है।
मौसम विभाग ने कहा था कि मानसून तीन जून को केरल पहुंचेगा। हालांकि इसमें तीन चार दिन का अंतर भी होने का अनुमान था। पूर्वांचल में मानसून करीब 15 से 20 जून तक पहुंचने की संभावना जताई गई थी। मौसम विभाग ने अच्छी बारिश होने की भी भविष्यवाणी की है।
इस बीच पूर्वांचल में 27 मई से लगातार बारिश हो रही है। हर तरफ जलभराव की स्थिति है। सबसे बुरा हाल नगरों का हैं, जहां पर लगातार हो रही बारिश ने व्यवस्थाओं की पोल खोल कर रख दी है। वहीं लगातार हो रही बारिश से किसान धान की खेती की तैयारी में जुट गए हैं। हालांकि धान का खेत तैयार करने के लिए करीब 15 से 20 दिन पहले ही जोतवाया जाता है। लेकिन, अभी तक बेमौसम बेहिसाब बारिश ने खेत जोतने के मौके नहीं दिए हैं।
ज्येष्ठ में सावन के आसार
मई के अंतिम और जून के पहले सप्ताह में हो रही बारिश ने इस बार पूर्वांचल में रिकॉर्ड तोड़ दिया है। पहले मुंबई और अहमदाबाद में ताउते तूफान का असर दिखा और उसके ठीक बाद यास ने असर दिखाया था। जिसके कारण लगातार बारिश हुई थी। हालांकि अब इन दोनों तूफानों का असर नहीं है, उसके बाद भी करीब एक हफ्ते से लगातार बारिश हो रही है।
सहालगों पर असर
इस समय सहालग का भी दौर है और पूर्वांचल में शादियों का दौर जोरों पर हैं। ऐसे में लगातार बारिश ने सहालग को बुरी तरह प्रभावित कर दिया है। आयोजकों को मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है। सहालग पर कोरोना के बाद बारिश ने डबल कहर बपाया है।