पंजाब कांग्रेस का कप्तान अब नवजोत सिंह सिद्धू को बना दिया गया है। जिसके बाद से ही सिद्धू अपनी शक्ति का प्रदर्शन करने में जुट गए हैं। इसी शक्ति प्रदर्शन के तहत सिद्धू स्वर्ण मंदिर पहुंचे और माथा टेका।
कप्तान बनने के बाद सिद्धू का शक्ति प्रदर्शन
लंबे समय से चल रहे कांग्रेस में अंदरूनी कलह को खत्म करने के लिए पार्टी आलाकमान की ओर से सिद्धू को पंजाब कांग्रेस का कप्तान तो बना दिया। लेकिन अभी तक प्रदेश में दंगल खत्म नहगीं हुआ है। सिद्धू और पंजाब के कैप्टन अमरिंदर सिंह के बीच कलह अभी भी जारी है। अध्यक्ष की कुर्सी पर विराजमान होने के बाद से ही सिद्धू अपना शक्ति प्रदर्शन कर रहे हैं। इसी शक्ति प्रदर्शन का एक नमूना सिद्धू ने अमृतसर में पेश किया। पंजाब कांग्रेस के नवनिर्वाचित अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू अमृतसर में स्वर्ण मंदिर पहुंचे। स्वर्ण मंदिर में उन्होंने माथा टेका। उनके साथ बड़ी संख्या में मंत्रियों और विधायकों का जमावड़ा भी दिखा।
सिद्धू को 62 विधायकों का समर्थन!
सिद्धू की ताजपोशी के बाद से ही सिद्धू का समर्थकों से मिलना लगातार जारी है। सिद्धू कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं के साथ मिलकर आगे की रणनीति बना रहे हैं। इस बीच कैप्टन के भी कई समर्थक सिद्धू की ओर हो लिए हैं। अब ज्यादातर विधायक सिद्धू के साथ दिख रहे हैं। सिद्धू का दावा है कि उनके पास 62 विधायकों का समर्थन है। बता दें कि पंजाब में कांग्रेस के विधायकों की संख्या 80 है।
कब खत्म होगी कैप्टन और सिद्धू की तकरार?
कांग्रेस आलाकमान ने कांग्रेस सिद्धू को अध्यक्ष बनाने को लेकर भले ही अमरिंदर सिंह को मना लिया हो। लेकिन सच्चाई तो यह है कि अभी तक कैप्टन और सिद्धू के बीच की दूरी जस की तस बनी हुई है। मंगलवार को खबरें आ रही थीं कि सिद्धू ने अमरिंदर सिंह से मुलाकात का समय मांगा है। लेकिन कैप्टन ने उन तमाम खबरों को भी खारिज कर दिया था। मुख्यमंत्री की ओर से साथ ही कहा गया कि जब तक सिद्धू सोशल मीडिया पर उनके खिलाफ की गईं अपमानजक टिप्पणियों पर सार्वजनिक रूप से माफी नहीं मांग लेते, मुख्यमंत्री उनसे नहीं मिलेंगे। अब देखना यह होगा कि क्या कांग्रेस आलाकमान सिद्धू और कैप्टन के बीच की खाई को खत्म करने में कब तक कामयाब हो पाती है।