पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने पंजाब विधानसभा में आज केंद्र के खिलाफ एक प्रस्ताव पेश किया। इस प्रस्ताव के जरिए सीएम भगवंत मान ने केंद्र सरकार पर केंद्र शासित प्रदेशों के शासन में संतुलन को बिगाड़ने का आरोप लगाया। साथ ही चंडीगढ़ को तुरंत पंजाब हस्तांतरित करने की मांग भी की।
पंजाब के मुख्यमंत्री के तौर पर कार्यभार संभालने के 2 सप्ताह बाद सीएम भगवंत मान ली चंडीगढ़ पर अपना नियंत्रण कायम रखने के लिए बड़ा कदम उठाया आपको बता दें चंडीगढ़ केंद्र शासित प्रदेश होने के साथ पंजाब और पड़ोसी राज्य हरियाणा दोनों की राजधानी है। वहीं केंद्र सरकार चंडीगढ़ प्रशासन के कर्मचारियों के लिए सेवा नियमों में बदलाव करना चाहती है ऐसा करने से केंद्र सरकार के अधिकारियों के तहत चंडीगढ़ प्रशासन के कर्मचारियों को लाभ मिल रहा है।
पंजाब विधानसभा में पास अपने विधायक को लेकर भगवंत मान ने कहा कि पंजाब पुनर्गठन अधिनियम 1966 के तहत पंजाब को हरियाणा राज्य में पुनर्गठित किया गया था। उस वक्त केंद्र शासित प्रदेश चंडीगढ़ और पंजाब के कुछ हिस्से को तात्कालिक केंद्रशासित प्रदेश का हिमाचल प्रदेश को भी दे दिया गया था।
उन्होंने कहा कि तब से अब तक पंजाब और हरियाणा दोनों राज्यों में नामांकित व्यक्ति हूं कुछ अनुपात प्रबंधन के माध्यम से भाखड़ा ब्यास प्रबंधन बोर्ड जैसी सामान्य संपत्ति के प्रशासन एक संतुलन का उल्लेख किया गया था। लेकिन केंद्र सरकार की ओर से हालिया कार्यवाही के माध्यम से संतुलन को बिगाड़ने की कोशिश की जा रही है।
सीएम भगवंत मान ने आगे बताया कि चंडीगढ़ प्रशासन में हमेशा पंजाब हरियाणा के अधिकारियों द्वारा 60 अनुपात 40 का प्रबंधन किया गया है। लेकिन केंद्र सरकार चंडीगढ़ में बाहरी अधिकारियों को तैनात करना चाहती हैं। चंडीगढ़ प्रशासन के कर्मचारियों के लिए केंद्रीय सिविल सेवा नियम पेश किए गए हैं। जो पूरी तरीके से अतीत में हुए समझौते के खिलाफ है।