नई दिल्ली। बीते शुक्रवार हरियाणा जल रहा था। डेरा के गुण्डे काल बन गए थे। सूबे में कानून व्यवस्था धवस्त हो गई थी। हिंसा की आग इस कदर बढ़ गई थी कि इनको रोक पाना प्रशासन के लिए टेढ़ी खीर बन गया था। हालात बेकाबू होते रहे और प्रशासन मूक दर्शक बनकर स्थिति का जायजा लेता रहा।
शाम तक हाईकोर्ट ने हालात को बिगड़ता देखा तो डेरा सच्चा सौदा पर एक और शिकंजा कसते हुए बिगड़ते हालात में साफ किया कि जितना भी नुकसान होगा उसकी भरपाई डेरा की सम्पत्ति से की जाएगी। इसके बाद एक बार फिर डेरा की ओर से बयान आया कि उनके साथ इंसाफ नहीं हुआ है। लेकिन तब तक डेरा के समर्थक गुण्डों ने इतना आतंक मचा दिया था, कि उसकी आग दिल्ली, राजस्थान, पंजाब और उत्तर प्रदेश तक पहुंच गई ।
हिंसा की वारदातें देखते हुए इन राज्यों को हाई अलर्ट पर घोषित करते हुए इन राज्यों के कई जिलों में धारा 144 लागू की गई है। लेकिन हिंसा के इन हालातों को लेकर पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट ने राज्य सरकार को आज कड़ी फटकार लगाते हुए कहा कि इस हालात की जिम्मेदार राज्य सरकार है। राज्य सरकार ने उपद्रवकारियों के आगे घुटने टेक दिए। सुरक्षा के हालातों को सही नहीं रखा। राज्य की स्थिति को बिगड़ने दिया।
इसके साथ ही हाईकोर्ट ने डेरा की संपत्तियों का ब्यौरा मंगलवार तक दाखिल करने के लिए कहा है। इसके साथ ही डेरा की संपत्तियों की बिक्री पर भी रोक लगा दी है। हाईकोर्ट ने इस मामले में राज्य सरकार को कड़े निर्देश के साथ फटकार लगाई है।