चंडीगढ़। मंत्रिमंडल विस्तार के बाद कांग्रेस पार्टी में विधायकों की नाराजगी कम होने का नाम नहीं ले रही है। वहीं, कांग्रेस ने सभी मंत्रियों के काम की समीक्षा का फैसला किया है। पार्टी समय-समय पर मंत्रियों की कार्यप्रणाली की समीक्षा करेगी और पहली समीक्षा करीब छह माह बाद होगी। इस बात की पुष्टि कांग्रेस की प्रदेश प्रभारी आशा कुमारी ने की है। मुख्यमंत्री कार्यालय की तरफ से भी यह संकेत मिलना शुरू हो गए हैं।
प्रदेश प्रभारी आशा कुमारी ने कहा, छह माह बाद सभी मंत्रियों के कामकाज की समीक्षा की जाएगी। पार्टी ने चेहरा नहीं बल्कि काम देखना है। जो मंत्री परफार्मेस नहीं दे पाएंगे, उन पर गाज गिरेगी। उन्होंने कहा कि पार्टी हर गतिविधि पर नजर रखे हुए है। एक सवाल के जवाब में आशा कुमारी ने कहा कि किसी को भी अपनी बात पार्टी अध्यक्ष के सामने रखने का पूरा अधिकार है। पार्टी की मर्यादा में रह कर जो कोई भी अपनी बात रख रहा है, उसकी सुनी भी जा रही है।
कांग्रेस पार्टी की परेशानी यह भी है कि कैबिनेट विस्तार में ओबीसी और वाल्मीकि समुदाय का प्रतिनिधित्व न होने का असर कहीं 2019 पर न पड़े। यह भी कारण है कि पार्टी ने समय रहते मंत्रियों की कार्यप्रणाली की समीक्षा करने का फैसला किया है। अपनी नाराजगी को लेकर कभी राजकुमार वेरका राहुल गांधी से मिल रहे हैं, तो कभी कैबिनेट मंत्री चरणजीत सिंह चन्नी। वहीं, पार्टी ने यह स्पष्ट कर दिया है कि परिस्थितियां चाहे कुछ भी हों फिलहाल कैबिनेट में किसी प्रकार के बदलाव की संभावना नहीं है।