पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान को रिहाई देने पर सुप्रीम कोर्ट के सामने पाकिस्तान डेमोक्रेटिक मूवमेंट (PDM) में शामिल पार्टियां धरना दे रही हैं।
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इसकी अगुआई जमीयत-ए-उलेमा-इस्लाम फजल (JUI-F) के नेता मौलाना फजल-उर-रहमान कर रहे हैं। सुप्रीम कोर्ट के बाहर PDM के हजारों कार्यकर्ता मौजूद हैं। अल कादिर ट्रस्ट केस में इमरान की पत्नी बुशरा को 23 मई तक गिरफ्तारी से राहत मिल गई है। इमरान ने बुशरा की गिरफ्तारी की आशंका जताई थी। बुशरा को लाहौर हाईकोर्ट ने जमानत दी? रेड जोन वाले इस इलाके में 9 मई से धारा 144 लागू है। इसके बावजूद कार्यकर्ता यहां पहुंचे और उन्होंने गेट फांदकर सुप्रीम कोर्ट में घुसने की कोशिश की।
दूसरी तरफ, डिफेंस मिनिस्टर ख्वाजा मोहम्मद आसिफ ने संसद में कहा- पहले सुनते थे कि पर्चे लीक होते हैं। अब सुनते हैं कि सुप्रीम कोर्ट के फैसले भी लीक हो रहे हैं। आप इंसाफ के लिए बैठे हैं, किसी की मदद के लिए नहीं। आसिफ ने इमरान को रिहा करने वाले 3 जजों के बारे में कहा- हर बेंच पर यही तीन मसखरे बैठे मिलते हैं।
ख्वाजा आसिफ ने कहा है कि चीफ जस्टिस अमर अता बंदियाल के इमरान को रिहा करने के फैसले की जांच के लिए एक संसदीय कमेटी बननी चाहिए।