लखनऊ: 69000 शिक्षक भर्ती में 22000 सीटों को जुड़वाने के लिए पिछले 56 दिनों से अभ्यर्थी अन्दोलनरत हैं। 21 जून को इस आंदोलन की शुरुआत निशातगंज स्थित SCERT कार्यालय से हुई थी। कई दिनों तक अभ्यर्थियों का प्रदर्शन SCERT में चलता रहा और एक दिन पुलिस प्रशासन द्वारा उन्हें हिरासत में लेकर ईको गार्डन भेज दिया गया। ईको गार्डन में भी कई दिनों तक इन अभ्यर्थियों ने प्रदर्शन किया और उसके बाद फिर SCERT पहुंच कर अभ्यर्थियों ने धरना दिया।
अधिकारियों और नेताओं को इन अभ्यर्थियों की पीड़ा नहीं दिखी। इससे हताश और निराश अभ्यर्थियों ने कार्यालय के पास मौजूद जमीद से 200 फीट उंची पानी की टंकी पर चढ़कर प्रदर्शन करने की ठानी है। पिछले चार दिनों से अभ्यर्थी पानी की टंकी पर चढ़ कर अपनी मांगों से संबंधित नारे लगा रहे हैं और सरकार-प्रशासन को चेतावनी दे रहे हैं कि अब आर-पार की लड़ाई का समय है।
बेरोज़गारी से अच्छी मौत है: अभ्यर्थी
भारतखबर.कॉम प्रमुखता से इन अभ्यर्थियों की पीड़ा को दिखा रहा है। इसी क्रम में शनिवार को टीम एक बार फिर इनके पास पहुंची और पानी की टंकी पर चढ़कर इन अभ्यर्थियों का दर्द सुनी। अभ्यर्थियों का कहना है कि जब हम बेरोजगार हैं तो जिंदगी किस काम की है। अभ्यर्थियों का कहना है कि बेर्ज़ोगरी से मौत ज्यादा अच्छी है। अभ्यर्थियों का कहना है कि योगी आदित्यनाथ ने जब खुले मंच से कहा था कि उनके पास योग्य अभ्यर्थी नहीं हैं तो हमने दिन रात मेहनत (पढ़ाई) करके अपनी योग्यता साबित की। अब हमारी योग्यता की कोई कदर नहीं है। प्रदेश की सरकार हमारे साथ सौतेला व्यव्हार कर रही है।
पुलिस प्रशासन धमका रहा है: अभ्यर्थी
वहीं आन्दोलनरत अभ्यर्थियों ने पुलिस प्रशासन पर धमकाने और प्रताड़ित करने का आरोप लगाया है। अभ्यर्थियों का कहना है कि उन्हें दावा, पानी, खाने-पीने की चीज़े लेने के लिए नहीं जाने दिया जा रहा है। वहीं महिला अभ्यर्थी भी कई तरह की दिक्कतों का सामना कर रही हैं। अभ्यर्थियों का कहना है कि अगर इस प्रदेश में हक मांगना गुनाह है तो तो हम गुनाहगार हैं।