ताजनगरी में देह व्यापार! ऐसे हुआ खुलासा, जानकर उड़ जाएंगे आपके होश

आगरा: उत्तर प्रदेश का आगरा जिला ऐतिहासिक धरोहर ताजमहल के लिए विश्व प्रसिद्ध है। मगर, ताजनगरी में कुछ ऐसा काम भी चल रहा है, जो इसकी छवि को दागदार करने का काम कर रहा है। यह काम है- वेश्यावृत्ति यानी देह व्यापार का धंधा।
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उम्र और पसंद बताइए… लड़की आपके सामने हाजिर है। भीमा उर्फ सुरेंद्र राजपूत नाम के शख्स ने यही पहचान बनाई है देह व्यापार के धंधे में। भीमा इस गलीच धंधे का पुराना खिलाड़ी है, जो ताजनगरी में विदेशी युवतियों की सप्लाई करने वाला पहला शख्स है। इस राज़ से पर्दा तब उठा, जब एक उद्धार अधिकारी ने खुद ग्राहक बनकर भीमा से संपर्क किया।
उद्धार अधिकारी ने ग्राहक बनकर खोली पोल
पुलिस अधीक्षक सिटी बोत्रे रोहन प्रमोद के मुताबिक, उद्धार अधिकारी मिंदर सिंह को जानकारी मिली थी कि ताजमहल के पूर्वी गेट के निकट हाई सिक्योरिटी जोन में स्थित होटल शुभ रिसोर्ट में देह व्यापार का धंधा चल रहा है। इस धंधे के लिए भीमा ठेके पर देसी-विदेशी युवतियों को दिल्ली से लेकर आता और इसी होटल में रुकवाता है। इसके बाद अय्याशी के लिए ग्राहक को होटल में बुलाया जाता है। उद्धार अधिकारी ने भीमा से फोन पर संपर्क किया और उससे विदेशी युवती की डिमांड की। उससे युवतियों की फोटो भी मांगी।
युवती के मिलते ही टीम ने मारा छापा
फिर भीमा ने व्हाट्सएप पर दो युवतियों की फोटो भेज दी। उद्धार अधिकारी ने एक को पसंद किया और भीमा ने उसके साथ एक घंटा गुजारने के चार हजार रुपये की डिमांड की। बात इतने में तय हो गई। अधिकारी मिंदर सिंह होटल पहुंचे। सीओ सदर राजीव कुमार के नेतृत्व में एक टीम पहले से ही छापेमारी के लिए तैयार कर ली गई थी। उद्धार अधिकारी ने होटल पहुंचकर भीमा को 4000 रुपये दिए। जैसे ही भीमा ने युवती से मिलवाया, इसी दौरान टीम ने छापा मार दिया।
आरोपियों को भेजा जेल
होटल में पुलिस को देखते ही अफरा-तफरी मच गई। कुछ लोग दीवार कूदकर भाग निकले। हालांकि, पुलिस ने मुख्य आरोपियों के साथ कुछ अन्य लोगों को भी हिरासत में ले लिया। मगर, जिनका इस धंधे से कोई लेना-देना नहीं था, उन्हें मुचलके पर छोड़ दिया गया। वहीं, गांव धांधूपुरा ताजगंज निवासी भीमा उर्फ सुरेंद्र राजपूत, गांव कुंआ खेड़ा निवासी योगेश यादव और उज्बेकिस्तान की दोनों युवतियों को जेल भेज दिया गया। पुलिस ने इन सभी पर अनैतिक देह व्यापार निवारण अधिनियम के तहत केस दर्ज किया। इसके अलावा केस में होटल मालिक व्यापारी नेता राकेश अग्रवाल, संचालक चिराग अग्रवाल और मैनेजर सुंदरम अग्रवाल को भी नामजद किया गया है, जो फरार हैं। पुलिस उनकी तलाश कर रही है।
युवती के पास से फर्जी आधार कार्ड बरामद
छापेमारी में पकड़ी गईं विदेशी युवतियां में से एक युवती के पास पासपोर्ट और वीजा ही नहीं थे बल्कि एक फर्जी आधार कार्ड था। इस मामले में उस युवती पर पुलिस ने मुकदमे में धोखाधड़ी की धाराएं भी लगाईं। वहीं, दूसरी युवती के पास पासपोर्ट और वीजा तो मिले लेकिन उसकी सीमा दो फरवरी, 2021 को ही खत्म हो गयी थी। वह भी अवैध रूप से भारत में रह रही थी। एसपी सिटी ने बताया कि दोनों युवतियों की गिरफ्तारी और जेल भेजने की जानकारी उज्बेकिस्तान दूतावास को दी गई है।
भीमा ने पुलिस के सामने उगले कई राज
एसपी सिटी बोत्रे ने बताया कि भीमा ने देह व्यापार का ये धंधा आठ साल पहले शुरू किया था। बीच में उसने कुछ समय के लिए काम बंद कर दिया था, लेकिन आर्थिक स्थिति खराब हुई तो फिर से चालू कर दिया। भीमा ने पुलिस को बताया कि दिल्ली में युवतियों के एजेंट होते हैं। वे ही युवतियों को भेजते हैं। उनको रुकवाने की जिम्मेदारी उस एजेंट की होती है, जो उन्हें बुलाता है। वे बजट होटलों में सेटिंग करके रखते हैं। आठ से दस कमरे प्रतिदिन की बुकिंग और ऊपर से कमीशन देते हैं।
शहर के कई होटलों में चलता है यह धंधा
भीमा ने बताया कि कमरे का पूरा पैसा ग्राहक से लिया जाता है। युवतियों को जो पैसा मिलता है, उसमें उनका कमीशन होता है। 4000 रुपये में उसे डेढ़ हजार रुपये मिलते थे, जिसमें से वह 500 रुपये होटल वाले को देता था। एसपी सिटी ने बताया कि भीमा ने कई क्षेत्रों के कई होटलों के नाम बताते हुए यह दावा किया कि इन होटलों में भी यही काम होता है।
भीमा के मोबाइल में मिले एजेंट्स के नंबर
पुलिस अधीक्षक सिटी के मुताबिक, भीमा के मोबाइल में दिल्ली, जयपुर, गोवा सहित कई जगहों के एजेंट्स के नंबर मिले हैं। साथ ही आगरा के उन लोगों के नाम और नंबर भी बड़ी संख्या में मिले हैं, जो उससे युवतियां लेते थे। मोबाइल में बड़ी संख्या में होटल वालों के नंबर भी हैं। एसपी सिटी ने बताया कि भीमा की व्हाट्सएप चैट भी खंगाली जा रही है, जिससे यह पता चल सके कि वह किस-किस से क्या बात करता था।