लखनऊ: उत्तर प्रदेश त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव में ड्यूटी करने वाले शिक्षकों की मौत को लेकर मामला गहराता जा रहा है। जहां यूपी शिक्षक संघ ने 1621 शिक्षकों की मौत का दावा किया तो वहीं, सरकार आंकड़ों में सिर्फ तीन शिक्षकों की मौत हुई है। ऐसे में कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने योगी सरकार को निशाने पर लिया है।
यूपी कांग्रेस प्रभारी प्रियंका गांधी वाड्रा ने बुधवार को ट्वीट किया- ‘पंचायत चुनाव में ड्यूटी करते हुए मारे गए 1621 शिक्षकों की उप्र शिक्षक संघ द्वारा जारी लिस्ट को संवेदनहीन यूपी सरकार झूठ कहकर मृत शिक्षकों की संख्या मात्र 3 बता रही है। शिक्षकों को जीते जी उचित सुरक्षा उपकरण और इलाज नहीं मिला और अब मृत्यु के बाद सरकार उनका सम्मान भी छीन रही है।’
पंचायत चुनाव में ड्यूटी करते हुए मारे गए 1621 शिक्षकों की उप्र शिक्षक संघ द्वारा जारी लिस्ट को संवेदनहीन यूपी सरकार झूठ कहकर मृत शिक्षकों की संख्या मात्र 3 बता रही है।
शिक्षकों को जीते जी उचित सुरक्षा उपकरण और इलाज नहीं मिला और अब मृत्यु के बाद सरकार उनका सम्मान भी छीन रही है। pic.twitter.com/6mpkTsOQV7
— Priyanka Gandhi Vadra (@priyankagandhi) May 19, 2021
समाजवादी पार्टी के एमएलसी सुनील सिंह यादव का ट्वीट:
बेहयाई का एक और नमूना देखिये, पंचायत चुनाव में ड्यूटी के बाद 1671 शिक्षकों, कर्मचारियो की कोरोना से हुईं मौतों को योगी सरकार ने मानने से साफ़ मना कर दिया। सरकार के हिसाब से सिर्फ 3 टीचरों की मौत हुई ,जबकि शिक्षक यूनियनें 1671 का दावा कर रही हैं! तो बाक़ी ज़हर खाने से मरे क्या ?
— Sunil Singh Yadav (@sunilyadv_unnao) May 19, 2021
शिक्षा विभाग ने मानी तीन शिक्षकों की मौत
वहीं, मंगलवार को यूपी बेसिक शिक्षा विभाग ने प्रेस नोट जारी करते हुए सिर्फ तीन शिक्षकों की मौत होने की बात मानी। साथ ही कहा कि, नियमानुसार जल्द ही उन्हें अनुग्रह राशि का भुगतान कराया जाएगा।
इससे पहले शिक्षक संगठनों ने प्रदेश भर की जिलेवार सूची जारी की। संगठनों के दावों के अनुसार शिक्षकों, शिक्षामित्रों और अन्य विभागीय कर्मचारियों ने सरकार के आदेश का ईमानदारी से पालन करते हुए अपनी जान दी है। उन्होंने सरकार से मांग की है कि मृतकों के परिवारों को एक-एक करोड़ रूपए मुआवजा और परिवार के एक योग्य सदस्य को नौकरी दी जाए।
यूपी प्राथमिक शिक्षक संघ ने सीएम को लिखा पत्र
उत्तर प्रदेश प्राथमिक शिक्षक संघ के अध्यक्ष दिनेश चंद्र शर्मा ने इस संबंध में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को पत्र भी लिखा है। उन्होंने सीएम से मांग की है कि 1621 शिक्षाकर्मियों की मौत कोरोना वायरस की चपेट में आने के बाद हुई है। उन्हें यह संक्रमण पंचायत चुनावों की ड्यूटी के दौरान हुआ था।
शिक्षक संघ के दावों के अनुसार कोरोना के कहर का सबसे ज्यादा असर आजमगढ़ के कर्मचारियों पर दिखाई दिया है। यहां सबसे ज्यादा 68 लोगों ने अपनी जांन गंवाई है। वहीं गोरखपुर में 50 ने दम तोड़ा है। इसके अतिरिक्त लखीमपुर में 47, रायबरेली में 53, जौनपुर में 43, प्रयागराज में 46, लखनऊ में 35, सीतापुर में 39, उन्नाव में 34, गाजीपुर में 36, बाराबंकी में 34 शिक्षाकर्मियों ने कोरोना से अपनी जान गंवाई है।
23 जिलों में 25 से ज्यादा शिक्षकों की मौत
दिनेश चंद्र शर्मा के दावों के अनुसार, प्रदेश के 23 जिले ऐसे हैं जहां पर 25 से ज्यादा शिक्षकों और कर्मचारियों को कोरोना के कारण जान से हाथ धोना पड़ा है।