प्रयागराज। पूर्वी उत्तर प्रदेश के सियासी चक्रव्यूह को तोड़ने के लिए कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने सोमवार को यहां हनुमान जी के दर्शन कर अपनी ‘गंगा यात्रा’ शुरू कर दी। संगम तट पहुंचकर उन्होंने मां गंगा की पूजा की। वह मनैया घाट से स्टीमर के जरिए वाराणसी के लिए रवाना हो गईं। लोकसभा चुनाव से ठीक पहले प्रियंका इस ‘सियासी यात्रा’ के जरिए पूर्वी यूपी में कई समीकरणों को एकसाथ साधने की कोशिश कर रही हैं।
संगम तट पर स्थित लेटे हुए हनुमान जी के दर्शन करने के बाद संवाददाताओं से बातचीत में प्रियंका गांधी ने कहा कि उन्होंने देश के उत्थान और शांति के लिए प्रार्थना की। उन्होंने यह भी कहा कि मैं भगवान से कुछ नहीं मांगती। इसके बाद प्रियंका गांधी ने संगम तट पर मां गंगा की विधिपूर्वक पूजा की।
हिंदू विरोधी छवि को तोड़ने का प्रयास
प्रियंका ने हनुमान जी के दर्शन के साथ गंगा यात्रा की शुरुआत कर अपनी हिंदू विरोधी छवि को तोड़ने की कोशिश की। बीजेपी और अन्य दक्षिणपंथी संगठन अक्सर उन्हें ईसाई बताकर उन निशाना साधते रहते हैं। प्रियंका ने हनुमान जी की पूजा करके बीजेपी की इस धारणा को तोड़ा। यही नहीं पूरी यात्रा के दौरान वह कई मंदिरों में जाएंगी। प्रियंका गांधी रास्ते में मां विध्यवासिनी, शीतला माता, सीता जी और भगवान शिव के मंदिर भी जाएंगी।
ईबीसी को साध बीजेपी के वोटों में लगाएंगी सेंध
लोकसभा चुनाव से पहले हो रही है इस गंगा यात्रा के जरिए प्रियंका पूर्वी यूपी की अत्यंत पिछड़ी जातियों (EBC) को साधने की कोशिश करेंगी। उनकी नजर मछुआरों और निषादों पर है जो पिछले चुनावों में बीजेपी को वोट करते रहे हैं। पूरे सूबे में इन जातियों की आबादी करीब 12 फीसदी है। दरअसल, गोरखपुर उपचुनाव के परिणामों के बाद निषाद सूबे में एक बड़ी ताकत बनकर उभरे हैं। निषादों को अपने पाले में बनाए रखने के लिए बीजेपी भी जीतोड़ मेहनत कर रही है। योगी सरकार निषादराज की प्रतिमा बनवा रही है।
लोगों का अभिवादन करतीं प्रियंका गांधी
अब निषादों को अपने साथ लाने के लिए प्रियंका उनके पास जा रही हैं। इसीलिए उन्होंने संगम के पास छतनाग की बजाय मनैया से स्पेशल स्टीमर की सवारी कर यात्रा करेंगी। मनैया निषादों द्वारा बसाया गया गांव है, जो संगम से 10 किमी दूर है। उत्तर प्रदेश में कांग्रेस पार्टी के अध्यक्ष राज बब्बर कहते हैं कि यह गंगा मैया के आशीर्वाद से तट पर बसे उन लोगों तक पहुंचने का प्रयास है जिन्हें सत्ताधारियों की सियासत कम प्राथमिकता देती है। उन्होंने कहा, ‘प्रियंका गांधी आज से केवट, मछुआरों और दूसरे आमजन के बीच 3 दिन तक संगम से काशी की गंगा यात्रा पर हैं। एकतरफा मन की बात नहीं जनमानस से असली संवाद।’