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प्रियंका गांधी ने श्रमिकों के लिए राजस्थान से आई बसों को राज्य में आने के लिए मांगी अनुमति

priyanka gandhi प्रियंका गांधी ने श्रमिकों के लिए राजस्थान से आई बसों को राज्य में आने के लिए मांगी अनुमति

लखनऊ ,उत्तर प्रदेश से राहुल श्रीवास्तव की रिपोर्ट

नई दिल्ली। अब प्रवासियों का घर आना और उनका राज्यों की सीमा पर उतारा जाना राजनीति का हिस्सा बनता जा रहा है। बीजेपी और कांग्रेस लगातार एक दूसरे को मजदूरों की समस्या का जिम्मेदार बता रही रही है। कांग्रेस की महासचिव और पूर्वी उत्तर प्रदेश में पार्टी मामलों की प्रभारी प्रियंका गांधी ने एक बार फिर योगी सरकार से बसों के संचालन की इजाजत मांगी है।

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बता दें कि प्रियंका गांधी ने एक वीडियो जारी किया और उसमें कहा कि उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी में आपसे निवेदन करना चाहती हूं कि ये वक्त राजनीति करने का नहीं है। हमारी बसें जो बोर्डर पर खड़ी हैं। जिसमें हजारों श्रमिक भाई बहन पैदल बिना कुछ खाए पीए और दुनियाभर की मुसिबतों को झेलते हुए अपने घर की तरफ चल रहे हैं। हमें उनकी मदद करने की इजाजत दीजिए। हमारी बसों को इजाजत दीजिए ताकि हम उनको अपनी बसों से उनके घर सुरक्षित पहुंचा सके। धन्यावाद.

 

इससे पहले एक और ट्विट कर उन्होंने बसे दिखाई थी उत्तप प्रदेश के सीएम से कहा था कि हमारी बसें बॉर्डर पर खड़ी हैं। हजारों की संख्या में राष्ट्र निर्माता श्रमिक और प्रवासी भाई-बहन धूप में पैदल चल रहे हैं। परमीशन दीजिए  जी, हमें अपने भाइयों और बहनों की मदद करने दीजिए।

 

इसके बाद उन्होंने एक और ट्विट किया जिसमें उन्होंने कहा कि मजदूरों को घर भिजवाने के लिए कोरी घोषणाएं और ओछी ओछी राजनीति से काम नहीं चलेगा। ज्यादा ट्रेनें चलाइए, बसें चलाइए। हमने 1000 बसों की परमिशन मांगी है हमें सेवा करने दीजिए। एक और ट्विट में प्रियंका गांधी ने कहा कि यूपी के हर बॉर्डर पर बहुत मजदूर मौजूद हैं।

 

वो धूप में पैदल चल रहे हैं, आज वो घंटों खड़े रखे जा रहे हैं। उन्हें अंदर आने नहीं दिया जा रहा। उनके पास पिछले 50 दिनों से कोई काम नहीं है। जीविका ठप पड़ी है। हम जो भी योजनाएं बना रहे हैं उनमें उनके लिए कुछ सोचा ही नहीं जा रहा। इससे पहले प्रियंका गांधी ने शनिवार को उत्तर प्रदेश के औरैया में हुई सड़क दुर्घटना के बाद प्रवासियों को लाने के लिए एक हजार बसों को चलाने की अनुमति देने के लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को पत्र लिखा था। इस हादसे में 24 प्रवासी श्रमिकों की मौत हो गई थी।

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