योगी सरकार को बदनाम कर रहे सरकारी डॉक्टर, पत्रकार द्वारा सवाल पूछने पर भड़क उठे सीएमएस
हरदोई। योगी सरकार के द्वारा सरकारी डॉक्टरों को सख्त हिदायत दी गयी थी कि सरकारी अस्पतालों में इलाज कराने आए मरीजों को बाहर की दवा न लिखी जाए। जिसके बाद भी हरदोई जिला अस्पताल में डाक्टरों के द्वारा बाहर की दवा जमकर लिखी जा रही है। डाक्टरों के लिये योगी सरकार का आदेश कोई मायने नही रखता है। क्योंकि जिला महिला अस्पताल और जिला पुरुष अस्पताल में राजस्व परिषद के वरिष्ठ IS चन्द्र प्रकाश का निरीक्षण भी लगा था और यही नही योगी सरकार के मंत्री सुरेश खन्ना का कार्यक्रम जनपद में चला रहा था। मगर डॉक्टरों के अंदर कोई खौफ नही दिखा।
ये सारा मामला जनपद हरदोई के जिला अस्पताल का है। जनपद के जिला अस्पताल में जहां पर ओपीडी के कमरा नम्बर 5 में बैठने वाले ईएनटी सर्जन जेएन तिवारी के द्वारा काफी दिनों से इलाज के लिये अस्पताल आने वाले गरीब मरीजों को बाहर से काफी मंहगी दवाएं बाहर के मेडिकल स्टोरों से लानी पड़ती है। क्योंकि डॉक्टर जेएन तिवारी के द्वारा एक रुपये के पर्चे पर काफी महंगी दवा की पर्ची मरीजों को थमा दी जाती है। जिस कारण सरकारी अस्पताल आने वाले मरीजों को मजबूरी में बाहर से दवा लेनी पड़ती है। इस बात की शिकायत मरीजों ने कई बार उच्चाधिकारियों से भी की मगर फिर भी बाहर से दवा लिखने का सिलसिला नही थमा।
जब डॉक्टर जेएन तिवारी ने मीडिया का कैमरा देखा तो मरीज को बाहर के लिए लिखी प्राइवेट पर्ची फाड़ कर डेस्टबिन में फेंक दी, जिसकी तस्वीरें मीडिया के कैमरे में कैद हो गई। इस बात से साफ पता चलता कि सरकारी अस्पताल में तैनात डॉक्टर किस तरह से योगी सरकार के आदेशों का पालन कर रहे है। वहीं सीएमएस एसके गौतम भी कार्रवाई का नाम लेकर पल्ला झाड़ते हुए नजर आए हैं। जानकारी देते समय सीएमएस साहब मीडिया के सवाल पर भड़क उठे इस बात से साफ पता चलता कि सीएमएस की क्या भूमिका है।
मरीज के पास डॉक्टर की लिखी बाहर की पर्ची, बाहर की दवाए, कैमरा देखते ही डॉक्टर ने फाड़ी प्राइवेट पर्ची, सवाल पूछने पर मीडिया पर ही भड़क गए सीएमएस।