मेरठ। मेरठ में बदमाशों के हौसले काफी बुलंद होते नजर आ रहे हैं। यहां बदमाशों का तांडव आए दिन देखने को मिलता ही रहता है। वही तीन दिन पहले बदमाशों ने मेरठ के पूर्व पार्षद किन्नर हाजी फाको को गोलियों से छन्नी कर दिया। जिसके बाद बृहस्पतिवार को उनकी मौत हो गई। फाको की मौत के बाद किन्नरों का गुस्सा सांतवे आसमान तक पहुंच गया। जिसके बाद किन्नरों ने आनंद हॉस्पिटल में घुसकर जमकर तोड़फोड़ की। निजी अस्पताल में घंटों किन्नर तोड़फोड़ मचाते रहे लेकिन पुलिस उनके सामने हाथ बांधकर खड़ी रही।
मामला मेरट के लिसाड़ी गेट इलाके का है। जहां दिनदहाड़े स्कूडटी सवार बदमाशों ने पूर्व पार्षद हाजी फाको को उसके घर में घुस कर गोलियां मारी दी थी। आपको बता दें कि हाजी फाको इस इलाके में किन्नरों का गुरू है। पुलिस की कार्रवाई में पता चला की वारदात की वजह इलाके पर किन्नरों के कब्जे को लेकर चल रही रंजिश थी। जिसके चलते दो गुटों में लंबे समय से विवाद चल रहा था। इस विवाद को लेकर पहले भी एक हत्या हो चुकी है।
तोड़फोड़ के बाद शांत हुए किन्नर
करीब 2 घंटे तक चले बवाल के बाद किन्नर खुद ही शांत हो गए। किन्नरों ने आरोप लगाया है कि अस्पताल के डॉक्टरों की लापरवाही से हाजी फाको की मौत हुई है। किन्नरों की माने तो हाजी फाको के सिर में एक गोली फंसी हुई थी जिस के ऑपरेशन के लिए डॉक्टर इंतजार ही करते रहे। वही किन्नरों ने पुलिस पर भी गंभीर आरोप लगाए है। किन्नरों का कहना है कि पुलिस ने बीते दिनों में हमलावरों की गिरफ़्तारी के लिए कोई प्रयास नहीं किया है। वही पुलिस की लापरवाही ही अस्पताल में किन्नरों के बवाल की वजह बनी है। पुलिस की लापरवाही का खामियाजा अस्पताल प्रबंधन, डॉक्टर और मरीजो के तीमारदारों को भुगतना पड़ा है।
फिलहाल पुलिस ने फाको के शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है। पुलिस अस्पताल में लगे सीसीटीवी कैमरे की फुटेज से अस्पताल में तोड़फोड़ करने वाले किन्नरों की पहचार कर रही है। पुलिस का कहना है कि बेवजह मरीज के तीमारदारों को पीटने और अस्पताल में तोड़फोड़ करने वालों के खिलाफ कड़ी कानूनी कार्रवाई की जाएगी।