उत्तराखंड राज्य

प्रमुख सचिव, गृह आनन्द बर्धन ने जनपदों में आपराधिक मामलों की समीक्षा की

dehradun 2 प्रमुख सचिव, गृह आनन्द बर्धन ने जनपदों में आपराधिक मामलों की समीक्षा की

देहरादून। प्रमुख सचिव, गृह आनन्द बर्द्धन द्वारा प्रदेश के सभी जिलाधिकारियों, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक/पुलिस अधीक्षकों व अभियोजन अधिकारियों के साथ वीडियो क्रॉन्फ्रेसिंग के माध्यम से पुलिस व राजस्व क्षेत्र में बढ़ते अपराधो पर अंकुश लगाने, सी0एम0 मॉनिटरिंग डैश बोर्ड ‘उत्कर्ष‘ से सम्बन्धित के0पी0आई0, अपराध/कानून व्यवस्था एवं जनपदों में आपराधिक मामलों की समीक्षा की गई।

 

dehradun 2 प्रमुख सचिव, गृह आनन्द बर्धन ने जनपदों में आपराधिक मामलों की समीक्षा की

 

उन्होंने वीडियो कॉन्फ्रेसिंग में सभी जिलाधिकारियों को अवगत कराया कि सी0एम0 डैश बोर्ड में के0पी0आई0 से सम्बन्धित सूचना में माह अगस्त से जनपदों का नाम भी प्रकाशित होगा इसलिये अपराध व कानून की स्थिति की समीक्षा अपने-अपने जनपदों में शीर्ष प्राथमिकता पर की जाय। प्रमुख सचिव द्वारा जनपदों के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक/पुलिस अधीक्षकों को निर्देशित किया गया कि जनपदों में हत्या, लूट, अपहरण तथा बलात्कार के गम्भीर प्रकरणों पर त्वरित कार्यवाही करने तथा छोटे बच्चो की मिसिंग से सम्बन्धित घटनाओं पर विशेष ध्यान दिया जाय। सीनियर सिटीजन एवं कमजोर/आरक्षित व्यक्तियों के विरूद्ध होने वाले अपराधो से सख्ती से निपटा जाय। पुलिस अधिकारियों को वाहन दुर्घटना कम किये जाने के विषय में उच्चतम न्यायालय द्वारा पारित दिशा-निर्देशों का प्रभावी रूप से अनुपालन करने के भी निर्देश उन्होंने दिये।

राज्य में चल रही चारधाम यात्रा व्यवस्था में पुलिस एवं प्रशासन को और अधिक सजकता बरतने तथा निकट भविष्य में शुरू होने वाली कॉवड़ यात्रा का सुचारू संचालन कराये जाने के निर्देश भी प्रमुख सचिव गृह द्वारा दिये गये। उन्होंने ईद के अवसर पर प्रभावी सुरक्षा व्यवस्था सुनिश्चित करने के भी निर्देश दिये, तथा सभी जिलों के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक/पुलिस अधीक्षक से अपेक्षा की कि वे समय-समय थानों का निरीक्षण करते हुये आवश्यक सुधार हेतु निर्देश निर्गत करें तथा जिलाधिकारियों को राजस्व क्षेत्र में होने वाले अपराधों, जो कि गम्भीर प्रकृृति के हों तथा जिन्हे पुलिस को हस्तान्तरित किया जाना हो, को तत्काल पुलिस को हस्तान्तरित किये जाने को कहा।

उन्होंने वीडियो कॉन्फ्रेसिंग में गैंगस्टर एक्ट एवं गुण्डा एक्ट के अन्तर्गत भी प्रभावी कार्यवाही किये जाने, पसारा अधिनियम के अन्तर्गत बिना लाईसेन्स के संचालित निजी सुरक्षा ऐजेंसी पर आवश्यक कार्यवाही के निर्देश जिलाधिकारियों को दिये गये तथा यह भी अपेक्षा की गयी कि वे अपने जनपदों से सम्बन्धित आपराधिक अभियोजनों की गम्भीरता को देखते हुये उनकी प्राथमिकता निर्धारित करते हुये समय-समय पर समीक्षा करें एवं जिन वादों में अभियुक्त रिहा हो रहे हैं, की भी समीक्षा करते हुये अपील/रिविजन दाखिल करने की कार्यवाही समय से की जाय। राष्ट्रीय मानव अधिकार आयोग के लम्बित प्रकरणों से सम्बन्धित सूचना प्राथमिकता के आधार पर राष्ट्रीय मानव अधिकार आयोग को प्रेषित किये जाने के निर्देश उन्होंने दिये।

सभी जिलाधिकारियों, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक एवं पुलिस अधीक्षकों को मानसून का समय निकट होने के दृष्टिगत यह निर्देश दिये गये कि मानसून से उत्पन्न होने वाली किसी भी आपदा की स्थिति से निपटने की तैयारी अभी से पूर्ण कर ली जाय। प्रमुख सचिव द्वारा साक्षी संरक्षक योजना के विषय में समस्त जिला मजिस्टेटों से अपने-अपने सुझाव शासन को ई-मेल के माध्यम से भेजने हेतु निर्देशित किया गया। वीडियो कॉन्फ्रेसिंग में अपर पुलिस महानिदेशक, अपराध एवं कानून व्यवस्था, अशोक कुमार, अपर सचिव गृह, अजय रौतेला, विम्मी सचदेवा रमन, अपर पुलिस महानिरीक्षक गढ़वाल परिक्षेत्र, पुष्पक ज्योति आदि सम्मिलित रहे।

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