नई दिल्ली। जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय पहले से ही राजनीति का गढ़ रहा है। जेएनयू ने देश को बड़े बड़े नेता दिए हैं। जेएनयू की केंद्रीय विश्वविद्यालय में गिनती आती है। देश में किसी की भी सरकार हो, अगर सरकार द्वारा कोई किसान या गरीब के खिलाफ फैसला लिया जाता है तो सबसे पहले आवाज जेएनयू से ही उठती है। क्योंकि जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय वामपंथी राजनीति का गढ़ माना जाता रहा है। हालांकि विश्वविद्यालय में बीजेपी से जुड़े संगठन अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद भी है, लेकिन जो बोलवाला है वो वामपंथी विचारधारा के लोगों का है। इसी बीच आज पहली बार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जेएनयू में स्वामी विवेकानंद की प्रतिमा का अनावरण करने वाले हैं। प्रधानमंत्री के विश्वविद्यालय पहुंचने से पहले ही विरोधी आवाजे उठने लगीं। जेएनयू छात्रसंघ ने ट्विटर पर पीएम को ओपन लेटर लिखकर कार्यक्रम का विरोध कर दिया है। हालांकि बीजेपी से जुड़े संगठन अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) ने इस कार्यक्रम का स्वागत किया है। पीएम मोदी आज यानी 12 नवंबर की शाम को करीब साढ़े छह बजे JNU में विवेकानंद की प्रतिमा का अनावरण करने वाले हैं, विडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए प्रधानमंत्री ने खुद ट्विटर पर इसकी जानकारी दी।
प्रथम प्रधानमंत्री से ऊंची है स्वामी विवेकानंद की प्रतिमा-
बता दें कि सरकार ने साल 2015 में इस मूर्ति को जेएनयू में स्थापित करने की इजाजत दी थी। नेहरू की मूर्ति से भी ऊंची है सात महीनों में तैयार हुई ये मूर्ति देश के पहले प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू की मूर्ति से भी तीन फीट ऊंची है। जानकारी के मुताबिक, विपुल पटेल की पहल पर जेएनयू के प्रशासनिक भवन के पास इस प्रतिमा को स्थापित करने का फैसला किया गया था। इस मूर्ति को नरेश कुमावत ने गढ़ा है। नरेश की मदद उनके मूर्तिकार पिता मातूराम कुमावत ने भी की है। स्वामी विवेकानंद की इस मूर्ति की ऊंचाई 11.5 फीट है और इसके लिए तीन फीट का चबूतरा भी बनाया गया है। छात्रसंघ विरोध क्यों कर रहा? जेएनयू छात्रसंघ (JNUSU) की ओर से जो ओपन लेटर पीएम को लिखा गया है, उसमें JNU अध्यक्ष आयशी घोष समेत कुछ अन्य के हस्ताक्षर हैं। इसमें कहा गया है कि भारत को लेकर पीएम का जो आइडिया है, छात्रसंघ उससे असहमत है। चार पेज के इस लेटर में कई बातों पर अपना विरोध जाहिर किया गया है। इंडिया को लेकर आपका जो आइडिया है हम उससे सहमत नहीं हैं। गुजरात दंगों को बतौर सीएम आपने जिस तरह हैंडल किया उस पर हमारी यूनिवर्सिटी ने सबसे पहसे सवाल उठाए थे। स्टूडेंट यूनियन ने एक पोस्टर भी जारी किया है, जिस पर लिखा है– मोदी सरकार छात्र विरोधी।
एबीवीपी कार्यकर्ताओं ने किया यह कार्यक्रम-
हालांकि, एबीवीपी की ओर से इस कार्यक्रम का स्वागत किया जा रहा है। खबरों के मुताबिक, छात्र संगठन ने विश्वविद्यालय परिसर में साबरमती ढाबे से लेकर विवेकानंद प्रतिमा तक यात्रा भी निकाली और कार्यक्रम का समर्थन किया। जेएनयू परिसर में स्वामी विवेकानंद की प्रतिमा के अनावरण हेतु प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी का वर्चुअल उद्घोष आज 6 बजकर 30 मिनट पर नियत है। जेएनयू इस महान प्रयोजन हेतु प्रधानमंत्री जी का हार्दिक स्वागत व अभिनन्दन करता है। पिछले साल कुछ लोगों ने विवेकानंद प्रतिमा के पास आपत्तिजनक बातें भी लिख दी थी। तब भी काफी विवाद हुआ था। 2019 में फीस बढ़ोतरी के विरोध में छात्रों ने काफी आंदोलन किया था। उस वक्त स्वामी विवेकानंद की इसी प्रतिमा के आसपास भड़काऊ बातें लिख दी गई थीं।