नई दिल्ली। चीन दौरे पर रवाना होने से पहले राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने नीट अध्यादेश पर हस्ताक्षर कर दिए हैं। उच्चतम न्यायालय के आदेश के बाद भी केंद्र सरकार द्वारा नीट को एक साल तक टालने को लेकर लाए गए अध्यादेश का जोरदार विरोध हो रहा है। इससे पहले राष्ट्रपति ने अध्यादेश पर कानूनी सलाह मांगी थी। राष्ट्रपति ने केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा से पूछा था कि आखिर क्यों सुप्रीम कोर्ट के निर्णय से सहमति जताने के बाद अब सरकार इस मामले में पलटी मार रही है।
नड्डा सोमवार को राष्ट्रपति से मिले थे और इस मामले पर पूरा स्पष्टीकरण दिया था। जिसके बाद आज राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने इस अध्यादेश पर हस्ताक्षर कर दिए है। राष्ट्रपति को आज ही चीन दौरे पर जाना है इससे पहले ही उन्होंने इस अध्यादेश को अपनी तरफ से मंजूरी प्रदान कर दी।
इससे पहले केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा ने सोमवार को राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी से मुलाकात कर उन्हें राज्यों को इस साल नीट के दायरे से बाहर रखे जाने के पीछे सरकार के तर्क को बताया था। राष्ट्रपति ने अध्यादेश लाने के कारणों की जानकारी के लिए स्वास्थ्य मंत्रालय से स्पष्टीकरण मांगा था। इस पर स्पष्टीकरण देने के लिए नड्डा ने सोमवार दोपहर बाद राष्ट्रपति से मुलाकात की।
गौरतलब है कि केंद्रीय मंत्रिमंडल ने शुक्रवार को अध्यादेश को मंजूरी दी थी। इसका उद्देश्य सुप्रीम कोर्ट के एक आदेश को आंशिक रूप से बदलना है जिसमें कहा गया है कि सभी सरकारी कॉलेज, डीम्ड विश्वविद्यालय और निजी मेडिकल कॉलेज नीट के दायरे में आएंगे। परीक्षा का अगला चरण 24 जुलाई को होना है। गत एक मई को नीट के पहले चरण में करीब 6.5 लाख विद्यार्थी चिकित्सा प्रवेश परीक्षा दे चुके हैं। स्वास्थ्य मंत्रालय के सूत्रों ने कहा कि सात राज्य नीट के अनुसार परीक्षा लेंगे वहीं छह अन्य राज्यों में करीब चार लाख विद्यार्थी परीक्षा पहले ही दे चुके हैं।