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पीठासीन अधिकारियों का सम्मेलन शुरू, पीएम मोदी ने किया वर्चुअल उद्घाटन

hm पीठासीन अधिकारियों का सम्मेलन शुरू, पीएम मोदी ने किया वर्चुअल उद्घाटन

हिमाचल विधानसभा में हो रहा पीठासीन अधिकारियों का सम्मेलन शुरू हो गया है। जिसका पीएम मोदी ने वर्चुअल उद्घाटन किया। 100 साल पहले 1921 में शिमला में पहला सम्मेलन हुआ था। मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर ने सम्मेलन और 1 करोड़ वैक्सीन डोज़ पर खुशी ज़ाहिर की। मुख्यमंत्री ने कहा कि यह गौरवपूर्ण क्षण है। इसके लिए प्रधानमंत्री और लोकसभा अध्यक्ष का धन्यवाद। उन्होंने कहा कि प्रदेश विधानसभा का एक गोरमई इतिहास रहा है। प्रथमध्यक्ष जीवंत राम से लेकर विपिन परमार तक का इतिहास उलेखनीय है। प्रदेश की वर्तमान प्रति व्यक्ति आय बढ़कर 1 लाख 95 हजार हो गई है। हिमाचल स्टेटेहूड के 50 वर्ष पूर्ण हुए है जिनमे अनेक कार्यक्रम होने है। उन्होंने प्रथम डोज में देश भर में प्रथम आने पर जनता को बधाई दी।

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उन्होंने धर्मशाला के तपोवन में स्थित विधानसभा कहा कि राष्ट्रीय ई एकडेमी गठित करने की बात कही। जिससे उस विधानसभा भवन का सही इस्तेमाल हो सके। ओम बिड़ला ने कहा कि शिमला देश के अंदर ऐतिहासिक क्षणों का साक्षी रहा है। उन्होंने मोदी का इससे जुड़ने के लिए आभार जताया। विधायी निकायों के अधिकारियों का सम्मेलन 100 साल पहले हुआ है। लोकतंत्र को मजबूत करने का महत्वपूर्ण योगदान रहा है। आज विधानमण्डलों के समक्ष ज्वलंत विषयो को देश के समक्ष रखने के लिए इसका महत्वपूर्ण है। कानून मंडलों में घटती बैठकों की संख्या चिंता का विषय है। सदन जनता के प्रति जवाबदेह हो इसके लिए यह सम्मेलन महत्वपूर्ण भूमिका।निभाएगा। पीएम ने कहा कि यह सम्मेलन नये सकल्पो के साथ होता है जो देश की संसदीय व्यवस्था को नई गति देता है। इस परंपरा को 100 साल हुए है इसके लिए सभी देश वासियों को बधाई। लोकतंत्र भारत का स्वभाव और प्रकृति है। भारत आजादी का अमृत महोत्सव मना रहा है यह कार्यक्रम हमारी जिम्मेदारी को बढ़ाता है। संघीय व्यवस्था में सभी राज्यो की भूमिका इसका आधार होता है।

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उन्होंने कहा कि कोरोना की लड़ाई सभी राज्यो ने एकजुटता से लड़ी। भारत 100 करोड़ का वैक्सीन का आंकड़ा पूरा कर चुका है। भारत के भविष्य के सपने पूरे होंगे जो सभी राज्यों के प्रयासों से पूरे होंगे। नई विजन के साथ भविष्य के लिए नए नियम बनाने है। नीतियां कानून एक भारत श्रेष्ठ भारत को मजबूत करने वाली होगी। सदन में हमारा अचार व्यवहार भारतीय मूल्यों के आधार पर हो यह भी आवश्यक है। भारत विविधता के बीच एकता की अखंड धारा बहती है। हर दल में ऐसे प्रतिनिधि होते है जो राजनीति से परे लोगो की सेवा में खपा देते हैं। ऐसे प्रतिनिधियों के लिए कुछ दिन ऐसे रखे जा सकते है जिसमे वह अपने अनुभव बताए इस पक्ष की जानकरी दे इससे दुसरो को भी सीखने का मौका मिलेगा।

इससे राजनीति समृद्ध होगी इसके लिए कोई कमेटी गठित कर ली जाए। इस आयोजन से लोगों को राजनीति के अलावा हटकर करने की प्रेरणा मिलेगी। कुछ ऐसी डिबेट जिसमे मर्यादा गम्भीरता का पालन हो करने की आवश्यकता है। रोजमर्रा की राजनिति से हटकर नये सदस्यों को सदन की मर्यादा व अन्य विषयों की ट्रेनिंग आवश्यक है। सदन में नए सदस्य आएंगे तो नए आईडिया सदन तक पहुचेंगे। देश ने one नेशन one राशन कार्ड जैसी व्यवस्थाएं बनाई है। one नेशन one नेशन लेजिसलेचर की व्यवस्था जैसी व्यवस्था आजादी के अमृत काल मे होना चाहिए । अगले 25 वर्ष के बाद हम आजादी के 100 साल मनाएंगे क्या इसमे हम पूरे जिम्मेदारी के साथ कर्तव्य,कर्तव्य, कर्तव्य। सदन के आचार व्यवहार, वाद विवाद समाधान में कर्तव्य का बोध हो। कर्तव्य को ही सर्वोच्च प्राथमिकता दी जाए। इसका प्रभाव पूरे देश पर पड़ेगा। 2047 तक देश कहा ले जाना है सदन इस पर चर्चा करेगा ऐसी उम्मीद है।

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