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राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद का बयान, बोले- गणतंत्र दिवस पर तिरंगे का अपमान ‘दुर्भाग्यपूर्ण’

WhatsApp Image 2021 01 29 at 12.48.22 PM राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद का बयान, बोले- गणतंत्र दिवस पर तिरंगे का अपमान 'दुर्भाग्यपूर्ण'

नई दिल्ली। शुक्रवार को बजट सत्र शुरु हो रहा है जिसकी शुरूआत राष्ट्रपति रामनाथ कोविंड के अभिभाषण के साथ हो गई है। इसके साथ ही 18 विपक्षी दलों ने राष्ट्रपति के अभिभाषण का बहिरूष्कार किया है। अभिभाषण की शुरुआत करते हुए राष्ट्रपति ने सबसे पहले पिछले साल आई कोरोनाए सीमा पर तनाव समेत कई संकटों का जिक्र किया। इसी के साथ राष्ट्रपति ने अपने संबोधन में गणतंत्र दिवस के दिन राजधानी दिल्ली में हुई हिंसा और लाल किले पर हुए विवाद की निंदा की। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने कहा कि पिछले दिनों हुआ तिरंगे का अपमान बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है।

 

अपने संबोधन में राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने कहा पिछले दिनों हुआ तिरंगे और गणतंत्र दिवस जैसे पवित्र दिन का अपमान बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है। जो संविधान हमें अभिव्यक्ति की आजादी का अधिकार देता है, वही संविधान हमें सिखाता है कि कानून और नियम का भी उतनी ही गंभीरता से पालन करना चाहिए।

 

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राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने किया ट्वीट, फाइल फोटो

लालकिले पर लगाया था धार्मिक झंडा-

गौरतलब है कि गणतंत्र दिवस के मौके पर टैक्टर परेड के नाम पर राजधानी में हिंसा हुई। परेड में शामिज असमाजिक तत्व लालकिले की प्राचीर पर पहुंच गए और जहां 15 अगस्त को देश के प्रधानमंत्री तिरंगा फैराते हैं वहां एक धार्मिक झंडा लगा दिया गया। इससे पूरे देश ही नहीं पुरी दुनिया ने भारत के गणतंत्र का अपनाम होता देखा वो भी गणतंत्र दिवस के दिन। 27 जनवरी की सुबह से ही दिल्ली पुलिस ने कार्रवाई करनी शुरु कर दी और 37 किसान नेताओं के खिलाफ गम्भीर धाराओं में एफआईआर दर्ज की है इसी के साथ 40 से ज्यादा किसान नेताओं को लुक आउट नोटिस जारी कर दिया गया है। शुक्रवार शाम होते होते उत्तर प्रदेश सरकार ने सभी डीएम और एसएसपी को प्रदेश में धरना खत्म कराने के आदेश दिए हैं।

 

WhatsApp Image 2021 01 29 at 12.44.28 PM 1 राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद का बयान, बोले- गणतंत्र दिवस पर तिरंगे का अपमान 'दुर्भाग्यपूर्ण'
राष्ट्रपति रामनाथ, फाइल फोटो

नए कानून में नई सुविधाएं और नए अधिकार- राष्ट्रपति

राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने अपने संबोधन में नए कृषि कानून और उनके खिलाफ जारी आंदोलन का जिक्र किया। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने कहा कि वर्तमान में कृषि कानूनों का अमलीकरण देश की सर्वोच्च अदालत ने स्थगित किया हुआ है, मेरी सरकार उच्चतम न्यायालय के निर्णय का पूरा सम्मान करते हुए उसका पालन करेगी।

 

राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद बोले, ‘मेरी सरकार यह स्पष्ट करना चाहती है कि तीन नए कृषि कानून बनने से पहले, पुरानी व्यवस्थाओं के तहत जो अधिकार थे तथा जो सुविधाएं थीं, उनमें कहीं कोई कमी नहीं की गई है। बल्कि इन कृषि सुधारों के जरिए सरकार ने किसानों को नई सुविधाएं उपलब्ध कराने के साथ-साथ नए अधिकार भी दिए हैं।

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