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राष्ट्रपति का पद दलगत राजनीति से ऊपर है: रामनाथ कोविंद

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नई दिल्ली। आज का दिन इतिहास की तारीख में एनडीए की एक कुशल और बड़ी कामयाबी के तौर पर दर्ज होगा। क्योंकि नामांकन के पहले ही उनका प्रत्याशी अपना चुनाव जीत गया था। सुबह ही राष्ट्रपति चुनाव के लिए सत्ताधारी दल एनडीए गठबंधन में हर कोई जश्न के रंग में सराबोर नजर आ रहा था। धीरे धीरे संसक के सभा कक्ष के बाहर सभी बड़े दिग्गजों के आने का क्रम जारी हो गया था। इंतजार था बस इस पूरी सजी बारात के दूल्हे रामनाथ कोविंद का जिनको इस पद की उम्मीदवारी के लिए एनडीए ने अपना प्रत्याशी चुना था।

RAM NATH KOBIND NAMINATION1 राष्ट्रपति का पद दलगत राजनीति से ऊपर है: रामनाथ कोविंद

रामनाथ कोविंद साथ में बीजेपी के अध्यक्ष अमितशाह के साथ प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, भाजपा के वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवानी, मुरली मनोहर जोशी के अलावा शिवराज चौहान, योगी आदित्यनाथ, केशव प्रसाद मौर्य, रमन सिंह के अलावा चंद्र बाबू नायडू के साथ लगभग सभी सहयोगी दल और केन्द्रीय मंत्रियों का जमावड़ा साथ चल रहा था। कक्ष के अंदर कुर्सी पर एक तरफ पीएम मोदी तो दूसरी तरफ आडवानी थे बीच में इस पूरे लावा लश्कर के मुख्य किरदार रामनाथ कोविंद जिन्हों ने अपना पहला पर्चा प्रधानमंत्री के अनुमोदन के बाद जमा किया। बताया गया है कि कोविंद ने 4 सेटों में अपना नामांकन दाखिल किया है।

RAM NATH KOBIND NAMINATION राष्ट्रपति का पद दलगत राजनीति से ऊपर है: रामनाथ कोविंद

नामांकन दाखिल करने के बाद पहली बार मीडिया से बतौर प्रत्याशी बात करते हुए उन्होने कहा कि राष्ट्रपति पद हमेशा से दलगत राजनीति से ऊपर रहा है। इसके अलावा राष्ट्रपति हमेशा देश के लिए होता है किसी पार्टी के लिए नहीं। इसके अलावा उन्होने कहा कि जब मैं राष्ट्रपति बना तो भी किसी पार्टी के पक्ष में नहीं खड़ा था। इसके साथ ही उन्होंने अपना समर्थन करने पर सभी पार्टीयों के प्रति अपना आभार जताया। इसके अलावा उन्होने कहा कि वे इस पद की गरिमा को हमेशा अक्षुण रखेंगे। इसके साथ ही उन्होने कहा कि राष्ट्रपति का पद संविधान के मुताबिक सर्वोच्च संवैधानिक पद है जिसकी गरिमा को बचाए रखना अति महत्वपूर्ण है।

राष्ट्रपति चुनाव को लेकर भाजपा का रामनाथ कोविंद को लेकर खेला गया दांव सटीक पड़ा है। हांलाकि विपक्ष ने इस चुनाव को दलित बनाम दलित करने की कोशिश करते हुए पूर्व लोकसभा अध्यक्ष मीरा कुमार के नाम का प्रस्ताव सामने रखा है। लेकिन मौजूदा समय में रामनाथ कोविंद के पास 6 लाख के आस-पास वोट मिलने की संभावना है। अब आने वाली 17 जुलाई को मतदान होना है। इसके साथ ही 20 जुलाई को इस चुनाव के परिणाम आ जायेंगे।

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