नई दिल्ली। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद इस साल राष्ट्रपति भवन में इफ्तार का आयोजन नहीं करेंगे। जानकारी दी गई है कि राष्ट्रपति बनने के बाद कोविंद ने तय किया है कि पब्लिक बिल्डिंग (राष्ट्रपति भवन) में टैक्स देने वालों के पैसे से कोई धार्मिक पर्व या उत्सव नहीं मनाया जाएगा। राष्ट्रपति भवन के प्रेस सेक्रेटरी अशोक मलिक ने आगे कहा कि ये फैसला भारत के एक धर्मनिरपेक्ष देश होने को ध्यान में रखकर लिया गया है और ये सभी मौकों पर लागू होता है, इससे फर्क नहीं पड़ता कि वो किस धर्म से जुड़ा मौका है। हां, उन्होंने ये ज़रूर कहा कि राष्ट्रपति हर धार्मिक त्यौहार के दौरान देश के सभी नागरिकों को बधाई ज़रूर देते हैं।

बता दें कि राष्ट्रपति भवन से जुड़े अधिकारियों ने कहा कि ऐसा एक दशक यानी 10 सालों के बाद होगा कि राष्ट्रपति भवन में कोई इफ्तार पार्टी नहीं होगी। राष्ट्रपति भवन में इफ्तार मनाने की परंपरा रही है। वो इकलौता दौर जब कलाम देश के राष्ट्रपति थे, इफ्तार मनाना बंद किया गया था। कलाम 2002-2007 के बीच देश के राष्ट्रपति थे। रमज़ान के महीन में मुस्लिम समुदाय के लोग रोज़ा रखते हैं। ये एक तरह का व्रत होता है. इसी को तोड़ने के लिए इफ्तार किया जाता है।