नई दिल्ली। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद दो दिनों की यात्रा पर शनिवार को उत्तराखंड पहुंचे । राजधानी देहरादून स्थित जौलीग्रांट हवाई अड्डे पर सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत ने उनका जोरदार स्वागत किया। इसके बाद राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद वहां से सीधे हरिद्वार के लिए रवाना हो गए। जहां पर हरि की पैड़ी में जाकर राष्ट्रपति कोविंद ने मां गंगा का पूजन और अर्चन किया। इसके बाद ऋषिकेश स्थित दिव प्रेम सेवा मिशन के आश्रम में पहुंचे। इस आश्रम से राष्ट्रपति कोविंद का संबंध बहुत पुराना है।
राष्ट्रपति कोविंद जब उस आश्रम से जुड़े थे जब को राज्यसभा के सांसद हुआ करते थे। इस आश्रम के कार्यों को देखते हुए कोविंद ने वहां पर अपनी सांसद निधि से 25 लाख रूपये दान भी दिया था। राष्ट्रपति कोविंद के सम्मान में आश्रम की ओर से एक समारोह का आयोजन किया गया था। जिसमें शिरकत करते हुए राष्ट्रपति कोविंद ने कहा कि नर की सेवा नारायण से बड़ी है। मानवता की सेवा को अपना धर्म समझने वाला ही भारतीय ज्ञान और दर्शन को समझ सकता है। उन्होने विवेकानंद का जिक्र करते हुए कहा कि विवेकानंद ने मानव सेवा को श्रेष्ठ सेवा बताया था।
रविवार की सुबह राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद केदारनाथ धाम पहुंचे जहां पर व्यापक सुरक्षा व्यवस्था के इंतजाम किए गए थे। राष्ट्रपति कोविंद ने यहां पूजा अर्चना करके बदरीनाथ धाम के लिए प्रस्थान किया। बतौर राष्ट्रपति पहली बार उत्तराखंड के दौरे पर आये रामनाथ कोविंद का सूबे के राज्यपाल ने राजभवन में स्वागत सत्कार किया। इस यात्रा में राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के साथ उनके परिवार के सभी सदस्य भी मौजूद रहे।