नई दिल्ली। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद का देवभूमि उत्तराखंड से मोह छूटने का नाम नहीं ले रहा है। एक बार फिर राष्ट्रपति कोविंद सपरिवार देवभूमि उत्तराखंड में कई अन्य इलाकों के दर्शन के लिए आ सकते हैं। इस बार वो दुर्गा और शिव के कुछ अन्य पवित्र स्थलों और धामों का दर्शन करने देवभूमि का रूख कर सकते हैं। सूबे का पर्यटन विभाग इसी कवायद में लगा है, क्योंकि सूबे में कुछ स्थलों को छोड़कर अन्य स्थलों पर पर्यटकों का आभाव रहता है। लेकिन अगर राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री जैसे बड़े चेहरे इन स्थलों की सैर करते है। तो ये स्थल पर्यटन के मानचित्र पर अपनी जगह बना सकते हैं।
इसी की कोशिश में सूबे के पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज ने राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद से बीते शनिवार को राष्ट्रपति भवन में मुलाकात की। महाराज ने इस मुलाकात की जानकारी देते हुए मीडिया को बताया कि शीघ्र ही देश के राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद अपनी धर्मपत्नी के साथ सूबे के दौरे पर आ सकते हैं। इस बारे में राष्ट्रपति से मुलाकात के दौरान विस्तार से चर्चा भी हुई। इसके साथ ही उत्तराखंड के विषय में भी राष्ट्रपति के सामने सूबे का विजन भी रखा गया है।
हमारी सरकार सूबे में पर्यटन को रोजगार से जोड़ने की दिशा में काम कर रही है। हम सूबे में धार्मिक सर्किट को बनाने की दिशा में बड़ा प्रयास भी कर रहे हैं। सूबे में सरकार और विभाग मां दुर्गा के मंदिरों को लेकर एक शाक्य सर्किट तैयार कर रही है। तो वहीं शिव के मंदिरों को लेकर शैव सर्किट बनाने की योजना पर भी विचार चल रहा है। जल्द ही राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद सपरिवार सूबे के शैव और शाक्य सर्किटों के कुछ मंदिरों का भ्रमण करने आ सकते हैं। इस बारे में पर्यटन विभाग के प्रयास की सराहना करते हुए राष्ट्रपति ने अपनी सहमति जाहिर की है।