74 वें स्वतंत्रता दिवस की पूर्व संध्या पर राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने देश के नाम पर संबोधन किया है। जिसमें उन्होंने कई महत्वपूर्व मुद्दों के बारे में चर्चा की। राष्ट्रपति ने सबसे पहले हिंदी और फिर अंग्रेजी में देश को संबोधित किया। इस साल कोरोनावायरस महामारी के बीच स्वतंत्रता दिवस मनाया जा रहा है।
उन्होंने अपने संबोधन में कोरोना महामारी के दौर में देश की स्थिति, सरकार के कार्यों एवं समाज के सहयोग पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि कोरोना संकट के दौर में सरकार ने किसानों, छोटे व्यापारियों के लिए कारगर कदम उठाए हैं।15 अगस्त को हम सभी तिरंगे को लहराते हुए स्वाधीनता दिवस समारोह में भाग लेकर और देशभक्ति से भरे गीत सुनकर उत्साह से भर जाते हैं। हमारे युवाओं के लिए यह स्वाधीनता के गौरव को महसूस करने का दिन है।
इस अवसर पर हम अपने स्वाधीनता सेनानियों के बलिदान को कृतज्ञता के साथ याद करते हैं। उनके बलिदान के बल पर ही हम सब आज एक स्वाधीन देश के निवासी हैं।इसी दौरान उन्होंने पश्चिम बंगाल और ओडिशा में आए ‘अम्फान’ चक्रवात ने भारी नुकसान के बारे में भी चर्चा की। उन्होंने कहा कि, हमारी चुनौतियां और बढ़ गयीं। इस आपदा के दौरान, जान-माल की क्षति को कम करने में आपदा प्रबंधन दलों, केंद्र और राज्यों की एजेंसियों तथा सजग नागरिकों के एकजुट प्रयासों से काफी मदद मिली।
राष्ट्रपति ने कहा कि इस महामारी का सबसे कठोर प्रहार, गरीबों और रोजाना आजीविका कमाने वालों पर हुआ है। संकट के इस दौर में, उनको सहारा देने के लिए, वायरस की रोकथाम के प्रयासों के साथ-साथ, अनेक जन-कल्याणकारी कदम उठाए गए हैं। प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना’ की शुरूआत करके सरकार ने करोड़ों लोगों को आजीविका दी है, ताकि महामारी के कारण नौकरी गंवाने, एक जगह से दूसरी जगह जाने तथा जीवन के अस्त-व्यस्त होने के कष्ट को कम किया जा सके।
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इसके साथ ही उन्होंने देश के हालात बहुत जल्द सामान्य होने की बात कही। इसके साथ ही उन्होंने कई मुद्दों को जनता के सामने रखा।