वास्तविक नियंत्रण रेखा पर चीनी सेना के साथ हुई झड़प में शहीद हुए जवानों को राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने श्रद्धांजलि देते हुए कहा कि सैनिकों के सर्वोच्च बलिदान को नमन है।
नई दिल्ली। वास्तविक नियंत्रण रेखा पर चीनी सेना के साथ हुई झड़प में शहीद हुए जवानों को राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने श्रद्धांजलि देते हुए कहा कि सैनिकों के सर्वोच्च बलिदान को नमन है। उन्होंने कहा कि सशस्त्र बलों के सुप्रीम कमांडर के रूप में मैं देश की संप्रभुता और अखंडता की रक्षा के लिए हमारे सैनिकों के अनुकरणीय साहस और सर्वोच्च बलिदान को नमन करता हूं। गलवान में अपनी जान की बाजी लगाने वाले सभी लोगों ने भारतीय सशस्त्र बल की परंपराओं को बरकरार रखा है।
वहीं भारतीय सेना ने कहा कि वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) पर चीनी सेना के साथ हुई झड़प में शहीद हुए जवानों का बलिदान व्यर्थ नहीं जाएगा। इससे पहले पीएम मोदी ने जवानों की शहादत पर कहा कि जवानों का बलिदान बेकार नहीं जाएगा। उन्होंने कहा कि भारत शांति चाहता है, लेकिन अगर कोई उसे उकसाएगा तो उसके पास हर हाल में जवाब देने की क्षमता है।
वहीं, विदेश मंत्री एस जयशंकर ने भी चीन को सख्त संदेश देते हुए कहा कि गलवन घाटी में जो कुछ भी हुआ। वह चीन की सोची समझी साजिश थी। एस. जयशंकर ने बुधवार को चीन के विदेश मंत्री वांग यी से फोन पर हुई बातचीत में कहा कि चीन ने पूर्वनियोजित रणनीति के तहत अपने कारनामे को अंजाम दिया है इसलिए, भविष्य की घटनाओं की जिम्मेदारी उसी पर होगी।
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गौरतलब है कि लद्दाख सीमा पर गलवन घाटी के पास चीनी सैनिकों के साथ हुई झड़प में चीन को भारी नुकसान हुआ है। समाचार एजेंसी एएनआई ने सूत्रों के हवाले से जानकारी दी है कि सीमा पर हुई इस झड़प में चीन के 40 से ज्यादा सैनिकों के मारे जाने की संभावना है। एएनआई ने सूत्रों के हवाले से जानकारी दी है कि सीमा पर हुई हिंसक झड़प में चीनी सेना की यूनिट का कमांडिंग अफसर ढेर हुआ है।