इलाहाबाद। उत्तर प्रदेश की संगमनगरी इलाहाबाद के दो दिवसीय दौर पर गए राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने पूजा-अर्चना के बाद इलाहाबाद हाईकोर्ट के शिलान्यास कार्यक्रम में पहुंचे। इस दौरान उनके साथ सूबे के मुखिया योगी आदित्यनाथ और राज्यपाल राम नाईक भी मौजूद थे। कार्यक्रम में राष्ट्रपति ने वहां मौजूद सभी लोगों को संबोधित करते हुए कहा कि देश भर के तीन करोड़ मामलों में से 40 लाख मामले न्यायालयों में लंबित पड़े हैं क्योंकि देश को सस्ते सरल और सुलभ न्याय की जरूरत है। राष्ट्रपति ने वैकल्पिक न्याय प्रणाली पर जोर देते हुए कहा कि इसका लाभ सामान्य नागरिकों को मिलना चाहिए।
राष्ट्रपति कोविंद ने कहा कि न्यायालयों के सामने काफी चुनौती है इसे सूचना तकनीक के माध्यम से आसान कर सकते हैं। बता दें कि इलाहाबाद हाईकोर्ट परिसर में आयोजित समारोह में न्याय ग्राम टाउनशीप का राष्ट्रपति ने बटन दबाकर शिलान्यास किया। इसके बाद उन्होंने कहा कि आज विजय दिवस है और न्याय ग्राम देश के उन बहादुर जवानों को समर्पित है, जिन्होंने देश सेवा के लिए अपना सब कुछ कुर्बान करते हुए अपना बलिदान दे दिया। उन्होंने कहा कि देश की न्याय व्यवस्था में न्यायाग्राम मील का पत्थर साबित होगा।
उन्होंने जोर दिया कि कोर्ट में स्थानीय भाषा में बहस होने का चलन बढ़े तो अच्छा होगा। उन्होंने कहा कि इलाहाबाद हाई कोर्ट की गौरवशाली परंपरा रही है। देश की आजादी से पहले और बाद में भी यहां से लोगों को न्याय मिलता रहा है। देश का सामान्य नागरिक न्यायपालिका जाने से बचता है ऐसी स्थिति को बदलने की जरूरत है। राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद ने इलाहाबाद हाईकोर्ट के जज व न्यायिक कर्मचारियों के लिए प्रस्तावित न्याय ग्राम आवासीय कालोनी का शिलान्यास किया। इससे पहले उन्होंने दीप प्रज्जवलित किया। कालोनी का निर्माण झलवा में देवघाट के पास होगा। इससे पहले पूजा-अर्चना की गई।