राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद ने लोहड़ी, मकर संक्रांति, पोंगल, भोगली बिहू, उत्तरायण और पुष्य पर्व की पूर्व संध्या पर सभी नागरिकों को अपनी शुभकामनाएं दी हैं। अपने संदेश में राष्ट्रपति ने कहा कि “सूर्य के मकर राशि में प्रवेश के साथ ही मौसम बदलने लगता है, मैं इस अवसर पर सभी भारतीयों और विदेशों में बसें देशवासियों को लोहड़ी, मकर संक्रांति, पोंगल, भोगली बिहू, उत्तरायण और पुष्य पर्व के साथ-साथ फसल कटाई के उत्सव पर अपनी हार्दिक बधाई और शुभकामनाएं देता हूं।
राष्ट्रपति ने कहा कि ये त्यौहार पूरे भारत में विविध रूपों में किन्तु समानता के साथ मनाए जाते हैं। यह उत्सव हमारे देश के किसानों और अन्य करोड़ों लोगों के अथक परिश्रम और तप की सराहना का भी होता है। राष्ट्रपति ने इस अवसर पर सभी देशवासियों की समृद्धि, खुशहाली और भ्रातृत्व भावना को और मजबूत बनाने की भी कामाना की।
लोहड़ी और मकर संक्रांति क्या है..?
साल 2019 में मकर संक्रांति का त्यौहार 15 जनवरी को है। इससे एक दिन पहले लोहड़ी का त्यौहार मनाते हैं। लोहड़ी का त्योहार खास तौर से पंजाब, हरियाणा व हिमाचल में मकर संक्रांति की पूर्व संध्या पर नई फसल के उत्सव के रूप में मनाया जाता है। पंजाब में नववधू और बच्चे की पहली लोहड़ी बहुत विशेष होती है। लोहड़ी की रात खुले स्थान में पवित्र अग्नि जलाते हैं। परिवार व आस-पड़ोस के लोग लोकगीत गाते हुए नए धान के लावे के साथ खील, मक्का, गुड़, रेवड़ी, मूंगफली आदि उस पवित्र अग्नि को अर्पित कर परिक्रमा करते हैं।
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आपको बता दें कि लोहड़ी एवं मकर संक्रांति एक-दूसरे से जुड़े हुए त्यौहार में हैं। ये दौनों सांस्कृतिक उत्सव और धार्मिक पर्व का एक अद्भुत त्योहार हैं। लोहड़ी के दिन जहां शाम के वक्त लकड़ियों की ढेरी पर विशेष पूजा के साथ लोहड़ी जलाई जाएगी, वहीं अगले दिन प्रात: मकर संक्रांति का स्नान करने के बाद उस आग से हाथ सेंकते हुए लोग अपने घर जाते हैं। इस प्रकार लोहड़ी पर जलाई जाने वाली आग सूर्य के उत्तरायन होने के दिन का पहला विराट एवं सार्वजनिक यज्ञ कहलाता है