नई दिल्ली। अगामी राष्ट्रपति चुनाव के लिए अब बीजेपी हर तरफ से घिरती नजर आ रही है। ऐसे में शिवसेना ने भी बीजेपी को घेरने के लिए अपनी रणनीति तय कर ली है और अब लगता है कि बीजेपी की हालत काफी खस्ता होने वाली है। 2007 में शिवसेना ने पूर्व राष्ट्रपति प्रतिभा देवी सिंह पाटिल के पक्ष में वोट दिया था। उस वक्त शिवसेना ने कांग्रेस का समर्थन किया था और शिवसेना कुछ हट कर ही करने के बारे में सोच रही है। अगामी राष्ट्रपति चुनाव के लिए शिवसेना किसे अपना समर्थन देगी, इसके लिए शिवसेना की तरफ से इशारा आया है। शिवसेना का कहना है कि राष्ट्रपति चुनाव के लिए एनडीए जो करेगा वह शिवसेना नहीं करेगी।
शिवसेना नेता संजय राउत के अनुसार, राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरसंघचालक मोहन भागवत को वह राष्ट्रपति उम्मीदवार बनाने के लिए प्रयास करती रहेगी। राउत के अनुसार भारत को पूर्ण हिंदू देश बनाने के लिए भागवत सही उम्मीदवार हैं। 14 जून को राष्ट्रपति चुनाव की अधिसूचना जारी की जाएगी और राष्ट्रपति चुनाव के लिए उम्मीदवार अपना नामांकन 28 जून तक कर सकते हैं और नामंकन पत्र वापस लेने तारीख 1 जुलाई है।
शिवसेना की तरफ से यह इशारा आया है कि राष्ट्रपति चुनाव में अपना समर्थन देने के लिए इस बार वह अगल रुख अपना सकती है। इससे साफ हो जाता है कि शिवसेना बीजेपी समर्थन करने वाली एनडीए के उम्मीदवार का समर्थन नहीं कर सकती है। साथ ही शिवसेना भारत को हिंदू राष्ट्र बनाने के लिए राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के चीफ मोहन भागवत को राष्ट्रपति उम्मीदवार बनाने के लिए अड़ी हुई है।