नई दिल्ली। राष्ट्रपति चुनाव के ऐलान के बाद विपक्ष ने अब रणनीति के दूसरे पहलू पर काम करना शुरू कर दिया है जिसमें वो सबसे पहले अपने परिवार की एक जूटता पर चाक चौबंद करने में जूटेगी। इसके लिए कांग्रेस ने कई दलों का उपसमूह गठित किया है। जिसके द्वारा विपक्ष के उम्मीदवार का चयन किया जाएगा। वहीं इस उपसमूह के प्रमुख एनसीपी सुप्रीमो शरद पवार होंगे। इस समूह की हर हफ्ते बैठक बुलाई जाएगी। अगर एनडीए ने बातचीत की पहल की तो तभी उपसमूह इस पर बात करेंगे इसीलिए अब दूसरे विपक्ष की नज़रे एनडीए के उम्मीदवार पर टिक गई है।
बता दें कि एनडीए को लेकर विपक्ष का कहना है कि वो एनडीए को पहले उम्मीदवार चुनने का मौका इसलिए दे रहे हैं। ताकि वो बाद में ये न कह सके कि राष्ट्रपति चुनाव में वो सर्वसम्मित बनना चाहता था लेकिन विपक्ष ने पहले ही अपना उम्मीदवार खड़ा कर दिया।
विपक्ष इस बात को लेकर खुश है कि उसके मंच पर विरोधी भी एकजूट हो गए हैं। विरोधी पिछले 26 मई को ही सोनिया के दोहपर के खाने पर ही एक जूट हो गए थे। विपक्ष ने अपने कुछ उम्मीदवारों को चुना है लेकिन किसी एक पर सहमति नहीं बनी है।
उम्मीदवारों के तौर पर गोपाल कृष्ण गांधी, मीरा कुमार, शरद यादव जैसे कुछ नाम चर्चा में है। राष्ट्रपति चुनाव के मुद्दे पर विपक्ष के पाले में कांग्रेस, जदयू, राजद, माकपा, तृणमूल कांग्रेस, सपा, बसपा, डीएमके, नेशनल कांफ्रेंस, जेएमएम, केरल कांग्रेस, भाकपा, आरएसपी, ऑल इंडिया मुस्लिम लीग और जेडीएस समेत कुल 17 पार्टियां शामिल है। इसके अलावा बीजू जनता दल, तेलंगाना राष्ट्र समिति और वाईएसआर कांग्रेस जैसे दलों ने अभी विपक्ष से दूरी बनाई है।