प्रयागराज: न्यायालयों में बड़े पैमाने पर जजों के तबादले की खबर सामने आ रही है। प्रदेश में कोरोना वायरस के प्रकोप को देखते हुए भी बड़े स्तर पर तबादले की तैयारी की जा रही है।
योगी सरकार के पत्राचार के बावजूद जजों के ट्रांसफर पर विचार किया जा रहा है। पिछले साल प्रदेश सरकार के अनुरोध पर अदालतों में जजों के तबादले नहीं हुए थे।
योगी सरकार ने किया पत्राचार
कोविड-19 को देखते हुए योगी सरकार ने जजों के तबादले न करने का हाईकोर्ट प्रशासन से अनुरोध किया है। बता दें कि कोरोना की दूसरी लहर में बढ़ते मामलों के बीच 700 से 800 जजों के तबादले किये जा रहे हैं। इलाहाबाद हाईकोर्ट के आदेश पर अपर जिला जज और जिला जज के तबादले किए जा रहे हैं।
इससे पहले भी हो चुके हैं ट्रांसफर
बता दें कि इससे पहले भी इलाहाबाद हाईकोर्ट ने प्रदेश के विभिन्न जिला न्यायालयों में काम कर रहे अपर जिला और सत्र न्यायधीश स्तर के 396 न्यायिक आफीसर्स का ट्रांसफर कर दिया था। इन अधिकारियों को नौ अप्रैल तक चार्ज सौंपने का आदेश हाईकोर्ट ने सुनाया था।
न्यायिक कार्य में आ सकती है बाधा!
कोरोना महामारी को देखते हुए योगी सरकार जजों के तबादले को रुकवाना चाहती है। क्योंकि इसे ज्यूडीश्यरी यानि न्यायिक कार्य में दिक्कत आ सकती है। मान लीजिए कि अगर किसी जज को कोरोना हुआ और उनसे दूसरे को संक्रमण हो गया तो इससे बड़ा न्यायिक संकट पैदा हो सकता है।
महामारी रोकना चाहती है सरकार
वहीं कोरोना महामारी के कारण जजों की सेहत को भी नुकसान पहुंच सकता है। अभी हाल ही में इलाहाबाद हाईकोर्ट के जज सहित विभिन्न जिलों की कोर्ट में तैनात न्यायाधीश कोरोना पॉजिटिव पाए गए थे। इन सभी जजों का अलग अलग अस्पतालों में इलाज चल रहा है।
योगी सरकार की कोशिश है कि जजों के तबादले फिलहाल रुक जाएं जिससे कोरोना महामारी के बढ़ते मामलों से निपटा जा सके। इसी आशय को लेकर सरकार ने इलाहाबाद हाईकोर्ट को पत्र लिखा है।