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अयोध्या दीपोत्सव की तैयारी जोरों पर,कुछ इस तरह मनायी जाएगी दिवाली

अयोध्या दीपोत्सव की तैयारी जोरों पर,कुछ इस तरह मनायी जाएगी दिवाली

आने वाली 6 नवम्बर को  का पर्व पूरे देश पूरी दुनिया में मनाया जाएगा इस साल की दिवाली भी देश के लोगों के लिए वैसी ही है जैसे हर साल होती है।लेकिन मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्रीराम की पावन नगरी अयोध्या इस बार दीपावली पर्व के एक दिन पूर्व ही असंख्य दीपों की माला से जगमगा उठेगी।मौका है भगवान श्रीराम के राज्याभिषेक का और स्थान है अयोध्या में पुण्य सरयू नदी का तट।

 

अयोध्या दीपोत्सव की तैयारी जोरों पर,कुछ इस तरह मनायी जाएगी दिवाली
अयोध्या दीपोत्सव की तैयारी जोरों पर,कुछ इस तरह मनायी जाएगी दिवाली

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दीप पर्व दीपावली को मनाने की परंपरा की शुरुआत वैसे तो अयोध्या से ही हुई थी। लेकिन त्रेता युग की अयोध्या में दीपावली के पर्व को लेकर जिस प्रकार हर्ष और उल्लास अयोध्यावासियों में था उसका जिक्र श्रीरामचरितमानस की चौपाइयों में ही मिलता है। लेकिन कलयुग में ये दूसरा मौका है जब धार्मिक नगरी अयोध्या त्रेता युग की अयोध्या के अवतार में होगी। इसके लिए राम नगरी में प्रदेश सरकार के नुमाइंदे युद्ध स्तर पर जुटे हुए हैं।

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आगामी 6 नवम्बर को प्रदेश सरकार द्वारा तय किए गए कार्यक्रम के तहत अयोध्या में भगवान राम के राज्याभिषेक कार्यक्रम और उसके पूर्व अयोध्या में निकाली जाने वाली भव्य शोभायात्रा राम बारात की तैयारियां जोर-शोर से चल रही हैं। इस आयोजन को भव्य और ऐतिहासिक बनाने के लिए प्रदेश सरकार कितनी संजीदा दिख रही है इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा रहा है,कि धार्मिक नगरी अयोध्या में प्रवेश के मुख्य मार्ग रानोपाली तिराहे से लेकर मुख्य कार्यक्रम स्थल सरयू तट के किनारे बने राम कथा पार्क तक सड़क के दोनों ओर उगी हुई झाड़ियों और घास की सफाई में भी कर्मचारी बेहद तन्मयता से जुटे हैं और प्रशाशन के वरिष्ठ अधिकारी इसकी मानिटरिंग कर रहे हैं।

हूबहू त्रेता युग की अयोध्या का होगा दर्शन

त्रेता युग में भगवान राम के साथ ही सरयू में समा जाने वाली अयोध्या और महाराजा विक्रमादित्य की बसाई गई अयोध्या में कोई फर्क न दिखे। इसके लिए योगी सरकार इतनी शिद्दत से जुटी हुई है कि अयोध्या में मुख्य कार्यक्रम स्थल से लेकर शोभायात्रा मार्ग को साफ-सुथरा कर रंग रोगन किया जा रहा है। सड़क पर बने डिवाइडर को पेंट करवाकर चमकाया जा रहा है। नगर के भवनों को सजाने के लिए अपने घरों के सामने रंगोली बनाने के लिए आम जनमानस से आग्रह किया गया है ,जिस से हूबहू वही तस्वीर देखने को मिले जैसे त्रेता युग में भगवान श्रीराम के स्वागत के लिए अयोध्या वासियों ने पलक पांवड़े बिछा दिए थे।

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बता दें कि इस पूरे आयोजन को सकुशल निपटाने के लिए अलग-अलग चरणों में तैयारियों को पूरा किया जा रहा है। जिसके तहत पहले चरण में अयोध्या नगर की साफ सफाई मरम्मत और रंग रोगन का कार्य लगभग पूरा होने की स्थिति में है। जिसके बाद अगले चरण में इस पूरे आयोजन को कराने वाली अहमदाबाद गुजरात की इवेंट मैनेजमेंट कंपनी गो बनाना के जिम्मे आयोजन को भव्य बनाने की जिम्मेदारी है।

अयोध्या के साकेत महाविद्यालय में 6 नवम्बर की दोपहर निकलने वाली शोभायात्रा में सबसे आगे राजसी ठाठ बाट का प्रतीक गजानन स्वरुप हाथी होंगे। जिसके पीछे घोड़े पर सवार सैनिक होंगे। उसके पीछे भगवान राम की सेना बंदरों की टोली उसके पीछे देश के अलग-अलग राज्यों से जुड़ी 20 लोक नृत्य शैली के मझे हुए कलाकारों का उम्दा प्रदर्शन और फिर 15 रथों पर सवार भगवान राम के जीवन चरित्र से जुड़े प्रसंगों को प्रदर्शित करती हुई भव्य झांकियां।

कुल मिलाकर इन सारी तैयारियों के जरिए प्रदेश सरकार दीपावली के 1 दिन पूर्व ही अयोध्या में दिवाली मनाएगी।यह दिवाली कुछ इस तरह की होगी कि देखने वालों और अयोध्या वासियों को भी इस बात का एहसास हो कि जैसे वह त्रेता युग में आ गए हो और साक्षात भगवान राम के दर्शन उन्हें हो रहे हैं।

राहुल श्रीवास्तव

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