नई दिल्ली। माघ माह के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा यानी की 31 जनवरी को साल का पहला ग्रहण लग रहा है।आज के दिन खास सावधानी बरतनी चाहिए क्योंकि ग्रहण को अशुभ माना जाता है।हिंदू शास्त्र के अनुसार आंशिक या पूर्ण ग्रहण किसी भी तरह से शुभ नहीं होता है।
ग्रहण का प्रभाव 108 दिनों तक इसका प्रभाव रहता है।गर्भवती महिलाओं के लिए ये ग्रहण खासकर सावधानी बरतने वाला होता है।हिंदू घर्म की मान्यताों के अनुसार ग्रहण के सूतक काल को अशुभ माना जाता है।गर्भवती महिलाओं के लिए ग्रहण से उनके बच्चों के ऊपर खतरा बना रहता है।
गर्भवती महिलाओं को इस दिन घर में रहकर ‘ऊं क्षीरपुत्राय विह्महे अमृत तत्वाय धीमहि तन्नो चंद्र प्रचोदयात्’ मंत्र का जाप करना चाहिए। इससे ग्रहण का नकारात्मक प्रभाव महिला और शिशु पर नहीं पड़ता है।गर्भवती स्त्रियों के ग्रहण नहीं देखने का कारण ये माना जाता है कि शिशु शारीरिक या मानसिक रुप से कमजोर हो सकता है। यदि महिला चंद्र ग्रहण देख लेती है तो शिशु किसी बदसूरत जन्मचिन्ह के साथ पैदा होता है।
ग्रहण के समय सुई का प्रयोग निषेध है।ऐसा माना जाता है कि इससे बच्चे के दिल में छेद हो सकता है।यदि गर्भवती स्त्री ग्रहण को देख लेती है तो शिशु की आंखों पर नकारात्मक प्रभाव पड़ता है।ग्रहण के नकारात्मक प्रभावों से बचने के लिए गर्भवती महिलाओं को तुलसी का पत्ता जीभ पर रखकर हनुमान जी की पूजा करनी चाहिए।