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गंगा नदी में फिर से बढ़ा खतरा, इस बार कोरोना नहीं, शवों ने उड़ाई प्रशासन की नींद

गंगा नदी में फिर से बढ़ा खतरा, इस बार कोरोना नहीं, शवों ने उड़ाई प्रशासन की नींद

प्रयागराजः देश की सबसे पवित्र नदी गंगा कोरोना काल के दूसरे दौर में चर्चा का विषय बन गई है। नदी में बहाए गए शवों पर तो विराम लग गया है लेकिन नदी के किनारे दफनाए गए शवों से पनपने वाला खतरा अभी टला नहीं।

ताजा मामला उत्तर प्रदेश के प्रयागराज का है। फाफामऊ घाट पर गंगा नदी के किनारे हो रहे कटान से दफनाए शव नदी में समाहित होने की कगार पर पहुंच गए हैं। वहां पर पड़े ऐसे कई शव हैं जो नदी की जलधारा को छूते नजर आ रहे हैं।

इधर कुछ दिनों से हो रही बारिश और बांध से पानी छोड़े जाने के बाद नदी का जलस्तर भी बढ़ गया है। जिसके बाद कुछ मीडिया रिपोर्ट में ये आशंका पहले ही जताई जा चुकी है। प्रशासन को अगाह भी किया गया था कि निकट भविष्य में नदी का जलस्तर बढ़ने पर इस तरह का खतरा सामने आ सकता है।

वहीं, प्रशासन ने खबर पर संज्ञान लेते हुए बीते 18 मई को श्मशान घाट पर शवों को दफनाने की पाबंदी लगा दी, लेकिन पहले से दफन किए शवों को हटवाने के मामले में कोई भी कार्रवाई नहीं की गई।

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