नई दिल्ली। पूर्व राष्ट्रपति और कांग्रेस के दिग्गज नेता प्रणब मुखर्जी राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के एक कार्यक्रम में गुरूवार को हिस्सा लेने संघ के मुख्यालय पहुंचे जहां प्रणब मुखर्जी का स्वागत संघ प्रमुख मोहन भागवत ने किया। प्रणब मुखर्जी नागपुर में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के संस्थापक केबी हेडगेवार की जन्मस्थली पहुंचे। प्रणब ने यहां पर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के तृतीय वर्ष शिक्षा वर्ग के समापन समारोह में भाषण दिया।
प्रणब मुखर्जी द्वारा आरएसएस के कार्यक्रम में शामिल होने का न्योता स्वीकार किए जाने का कांग्रेस नेताओं ने जमकर विरोध किया था। कांग्रेस के कई दिग्गज नेताओं ने प्रणब मुखर्जी से कार्यक्रम में नहीं जाने की अपील की, लेकिन वो नहीं माने।
कांग्रेस नेताओं की नाराजगी के बीच RSS कार्यक्रम में प्रणब मुखर्जी का जाना तय, पूर्व राष्ट्रपति ने संघ के न्योते को लेकर पहली बार तोड़ी चुप्पी
प्रणब मुखर्जी को बुलाना संघ की एक सोच
प्रणब मुखर्जी को कार्यक्रम में बुलाने के पीछे संघ के पधाधिकारियों ने कहा कि वो इस तरह के अपने कार्यक्रमों में अलग-अलग विचारधारा के लोगों को समय-समय पर बुलाते रहते हैं जिससे विचारों का अदान-प्रदान हो, जिससे दूसरी विचारधारा के लोग संघ के विचारों को क़रीब से समझ सकें, लेकिन प्रणब मुखर्जी को अपने संघ शिक्षा वर्ग के समापन समारोह में बुलाने के पीछे संघ की एक सोच और है।
संघ के कामों हुई तारीफ
वैसे तो संघ के कार्यक्रम में महात्मा गांधी, भीमराव अम्बेडकर, जयप्रकाश नारायण (जेपी), पूर्व उपराष्ट्रपति ज़ाकिर हुसैन, एपीजे अब्दुल कलाम भी शामिल हो चुके हैं, लेकिन आज़ादी के बाद पूर्व प्रधानमंत्री पंडित जवाहर लाल नेहरू और लाल बहादुर शास्त्री ने संघ के कामों की कई बार तारीफ तो की, लेकिन संघ के किसी कार्यक्रम में शामिल नहीं हुए। कई दशकों से संघ के नेताओं ने कांग्रेस और वामपंथी विचारधारा के नेताओं को संघ के कार्यक्रम में आने का निमंत्रण तो दिया, लेकिन उनको सफलता हाथ नहीं लगी। क्योंकि जिन नेताओं को निमंत्रण दिए गए उनके दलों ने उन्हें संघ के कार्यक्रम में जाने की अनुमति नहीं दी।
समाजिक कार्यक्रमों पर हुई चर्चा
प्रणब मुखर्जी जब राष्ट्रपति थे तब संघ प्रमुख मोहन भागवत के साथ उनकी दो बार मुलाकात हुई। इन मुलाक़ातों में संघ की विचारधारा और संघ के समाजिक कार्यक्रमों की भी चर्चा हुई। प्रणब मुखर्जी मोहन भागवत द्धारा संघ के बारे में दी गई जानकारी से प्रभावित हुए थे। इस साल मार्च में संघ की प्रतिनिधि सभा में संगठन के नेतृत्व ने तय किया कि इस साल संघ शिक्षा वर्ग के समापन समारोह में पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी को बुलाया जाना चाहिए।
प्रणब मुखर्जी को निमंत्रण भेजा गया और उन्होंने उसे स्वीकार भी कर लिया। संघ के इतिहास में एक बड़ा अध्याय आज जुड़ गया। कांग्रेस की कई सरकारों में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाले पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी का नागपुर के कार्यक्रम में आना संघ की बड़ी जीत है।
प्रणब मुखर्जी के कदम से सियासी हलचल
प्रणब मुखर्जी के इस कदम पर सियासी हलचल तेज है। कांग्रेस के तमाम नेता इस दौरे के विरोध में बोल रहे हैं। यहां तक कि प्रणब मुखर्जी की बेटी शर्मिष्ठा मुखर्जी ने भी अपने पिता को सख्त नसीहत दे डाली है। गुरुवार शाम प्रणब मुखर्जी संघ शिक्षा वर्ग के तृतीय वर्ष के दीक्षांत समारोह में अपना भाषण देंगे। शाम साढ़े छह उनका भाषण होगा जो करीब 20 मिनट तक चलेगा। इससे पहले मोहन भागवत और भैयाजी जोशी के साथ 15 मिनट तक चाय पर चर्चा होगी।