जामताड़ा। जम्मू कश्मीर के नेहट्टा में आतंकी हमले में शहीद हुए सीआरपीएफ कमांडेंट प्रमोद मिस्त्री के शव का मंगलवार को मिहिजाम के मलपाड़ा राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया गया।
बता दें कि सीआरपीएफ कमांडेंट प्रमोद मिस्त्री स्वतंत्रता दिवस के दिन करीब सुबह आठ बजे फिदायीन हमले में शहीद हो गए।
शहादत से पहले स्वतंत्रता दिवस पर परेड को किया था संबोधित:-
सीआरपीएफ कमांडेंट प्रमोद कुमार ने स्वतंत्रता दिवस की परेड को संबोधित किया था। तिरंगा झंडारोहण और सलामी के बाद उन्होंने भाषण दिया था। लेकिन शायद उन्हें नहीं पता था कि 15 अगस्त उनकी शहादत का दिन होगा।
बिहार के रहने वाले थे शहीद प्रमोद:-
प्रमोद कुमार पटना जिले के बख्तियारपुर के हरहने वाले थे। परिवार के लोग जामताड़ा के मिहिजाम में रहता हैं। प्रमोद कुमार 2011 ले लेकर 2014 तक एसपीजी में रह चुके थे।
बुलेटप्रूफ हेलमेट होता तो बच जाती जान:-
सीआरपीएफ के मुताबिक, कमांडेंट की गर्दन के ऊपरी हिस्से में गोली लगी, जिससे उनकी मौत हुई। वहीं जानकारों का कहना है कि अगर प्रमोद कुमार ने बुलेटप्रूफ हेलमेट पहना होता तो उनकी जान बच सकती थी।