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Som Pradosh Vrat 2021: विधि-विधान से भगवान भोलेनाथ को करें प्रसन्न, जानें पूजन विधि

Shiv Aradhna Som Pradosh Vrat 2021: विधि-विधान से भगवान भोलेनाथ को करें प्रसन्न, जानें पूजन विधि

हिंदू धर्म में प्रदोष व्रत का बहुत महत्व है। जब ये व्रत सोमवार के दिन पड़ता है तो इसका और ज्यादा महत्व हो जाता है। इस बार 24 मई को सोमवार के दिन ही प्रदोष पड़ रही है। यानि सोम प्रदोष व्रत 24 मई को रखा जाएगा। पुराणों में प्रदोष व्रत की बड़ी महिमा बताई गई है।

प्रदोष व्रत भगवान भोलेशंकर को प्रसन्न करने के लिए रखा जाता है। कहा जाता है कि जो भी भक्त इस दिन विधि विधान से भगवान शिव की पूजा करते हैं उन्हें भोलेनाथ मनचाहा वरदान देते हैं। सोमवार के दिन पड़ने के कारण सोम प्रदोष व्रत का महत्व काफी बढ़ गया है।

इस बार 24 मई सोमवार को शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि पर ये प्रदोष व्रत रखा जाएगा। जो भी ये व्रत रखते हैं उन पर भगवान शिव की विशेष कृपा सदैव बनी रहती है।

मान्यता

पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, चंद्रदेव ने सबसे पहले भगवान शिव की कृपा पाने के लिए प्रदोष व्रत रखा था। कहा जाता है कि चंद्रदेव अपने किसी कर्म के कारण क्षय रोग से पीड़ित हो गए थे। इस रोग से मुक्त होने के लिए उन्होंने प्रदोष व्रत कर भगवान शंकर को मानाया था।

ये करना चाहिए

सोम प्रदोष व्रत के दिन पूरे दिन निराहार रहकर व्रत और पूजा-पाठ करें शाम के समय पूजा के बाद फल और दूध ले सकते हैं। प्रदोष व्रत की पूजा अगर प्रदोष काल यानी कि गोधूली बेला (शाम के समय) की जाए तो अधिक फलदायी होती है। सोम प्रदोष व्रत इस बार रवि योग में पड़ रहा है।

पूजा की थाली में ये रखें

प्रदोष व्रत में पूजा की थाली में अबीर, गुलाल, चंदन, अक्षत, फूल, धतूरा, बिल्वपत्र, जनेऊ, कलावा, दीपक, कपूर, अगरबत्ती और फल होना चाहिए।

पूजा विधि (Pradosh Vrat Puja Vidhi)
  • सुबह नहा धोकर घर के मंदिर में आसन लगाकर बैठें
  • सभी देवी देवताओं का आह्वान करें, भोलेनाथ का अभिषेक करें
  • प्रदोष व्रत की पूजा में पंचामृत जरूर शामिल करें
  • दीपक जलाएं, भगवान से प्रार्थना करें और व्रत कथा सुनकर व्रत का संकल्प लें
  • प्रदोष काल शाम के उस पल को कहते हैं जब आसमान में तारे तो हों लेकिन रात पूरी तरह न आई हो
इन मंत्रों का करें जाप

ॐ नमः शिवाय.
ॐ तत्पुरुषाय विद्महे, महादेवाय धीमहि, तन्नो रूद्र प्रचोदयात्

पूजा का शुभ मुहूर्त

ब्रह्म मुहूर्त- 03:35 ए एम, मई 25 से 04:17 ए एम, मई 25 तक।
अभिजित मुहूर्त- 11:18 ए एम से 12:12 पी एम तक।
विजय मुहूर्त- 02:00 पी एम से 02:54 पी एम तक।
गोधूलि मुहूर्त- 06:17 पी एम से 06:41 पी एम तक।
अमृत काल- 11:18 पी एम से 12:43 ए एम, मई 25 तक।
रवि योग- 09:49 ए एम से 04:59 ए एम, मई 25 तक।

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