राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने सोमवार को कहा कि किसी भी भाषा की शक्ति, उसे बोलने वाले लोगों की समृद्धि, सोच और व्यवहार पर निर्भर होती है। समाज ताकतवर होगा तो भाषा भी ताकतवर बनेगी ,और भाषा सामर्थ्यवान बनेगी तो समाज भी सामाजिक-आर्थिक सामर्थ्य प्राप्त करेगा।
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आपको बता दें कि हाल ही में मॉरीशस में आयोजित 11वें विश्व हिंदी सम्मेलन में सम्मानित किये गये भारतीय विद्वानों का अभिनंदन करते हुए कोविंद ने कहा कि अपनी उपस्थिति बढ़ाने के लिए हिंदी को सामग्री और प्रसार दोनों ही दृष्टि से विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी के अनुरुप खुद को ढालना होगा। इस मौके पर राष्ट्रपति ने कहा कि विश्व में हिन्दी की उपस्थिति मजबूत है। भारत के बाहर एक करोड़ से अधिक लोग हिन्दी बोलते हैं ।और प्रमुख विश्वविद्यालयों में हिन्दी पढ़ाई जाती है। ग्यारहवें विश्व हिन्दी सम्मेलन में 45 देशों के 2000 से अधिक प्रतिनिधियों ने भाग लिया।
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राष्ट्रपति ने कहा कि हिन्दी को अपनी उपस्थिति बढ़ाने के लिए विषय और प्रसार दोनों में विज्ञान और प्रौद्योगिकी को अपनाना होगा। राष्ट्रपति ने कहा कि हम टेक्नोलॉजी के युग में रह रहे हैं। स्मार्ट फोन भाषाओं की दूरियां कम कर रहे हैं।
आज का समय टेक्नोलॉजी का समय है। स्मार्ट फोन जैसे साधनों से भाषाओं के बीच की दूरियां मिट रही हैं। इसलिए हिन्दी के प्रचार-प्रसार में टेक्नोलॉजी का भरपूर उपयोग किया जाना चाहिए — राष्ट्रपति कोविन्द
— President of India (@rashtrapatibhvn) September 17, 2018
इसी तरह हिन्दी के प्रचार-प्रसार में टेक्नोलॉजी कोविंद ने कहा कि हिन्दी फिल्मों ने भारतीय भाषा-संस्कृति के प्रचार-प्रसार में अभूतपूर्व योगदान किया है। देश में भी और विदेश में भी यह देखकर सुखद आश्चर्य होता है कि हमारी फिल्में और हमारे फिल्मी किरदार विदेशों में हमारा परिचय हैं।