नई दिल्ली। कोरोना महामारी के बाद देश में मंहगाई ने रफ्तार पकड़ ली। आलू और प्याज पर इतनी महंगाई बढ़ गई कि आम जनता के आसूं निकल आए। जिसके चलते सरकार द्वारा आलू और प्याज पर बढ़ रही कीमतों को देखते हुए इस महंगाई पर लगाम लगाने के लिए बाहर से 25 टन प्याज और 40 टन आलू का आयात किया जा रहा है। जिससे इनकी घरेलू सप्लाई बढ़ेगी और दाम कम होंगे। सरकार द्वारा बढ़ रही महंगाई को कम करने के लिए अथक प्रयास किए जा रहे हैं।
बता दें कि फिलहाल आलू की कीमतें 40 से 50 रुपये प्रति किलो पर पहुंच गई हैं, वहीं प्याज की कीमत 65 से 70 रुपये तक पहुंच चुकी है। इसे देखते हुए सरकार ने अब भूटान से 30 हजार टन आलू मंगाने का फैसला किया है। वहीं 25 हजार टन प्याज मंगाया जाएगा। हालांकि सरकार की ओर यह नहीं बताया कि प्याज कहां से मंगाया जाएगा। उपभोक्ता मामलों के मंत्री पीयूष गोयल ने शुक्रवार को कहा कि सरकार जल्द ही 25 हजार टन प्याज और 30 हजार टन आलू आयात करने जा रही है। गोयल के मुताबिक देश में सात हजार टन प्याज आ चुका है। दीवाली तक 25,000 टन प्याज आने का अनुमान है, साथ ही नई फसल भी बाजार में आ रही है। सरकार ने इस 23 अक्टूबर से प्याज पर स्टॉक लिमिट लगा दी थी। थोक व्यापारियों के लिए 25 टन और खुदरा व्यापारियों के लिए 2 टन स्टॉक की लिमिट है। गोयल ने कहा कि प्याज के बीज की कमी ना हो, इसलिए उसके निर्यात पर रोक लगा दी गई है।
क्या है नेफेड-
नेफेड भारत की बहु-राज्य सहकारी सोसायटीज अधिनियम के अंतर्गत पंजीकृत सहकारी संस्था है। इसकी स्थापना गांधी जयंती के पावन अवसर पर 2 अक्तुबर, 1958 को की गई थी। नेफेड की स्थापना कृषि उत्पादों के सहकारी विपणन को बढ़ाने के लिए की गई थी, ताकि किसानों को लाभ मिल सके। नेफेड के सदस्य प्रमुख रूप में किसान है। जिन्हें नेफेड के क्रियाकलापों में सामान्य निकाय के सदस्यों के रूप में विचार प्रकट करने तथा नेफेड के संचालन कार्यो में सुझाव देने का अधिकार है एंव उनका बहुत महत्व है।
हालात काबू करने के लिए नैफेड की पहल-
सरकार ने पिछले सीजन से ही प्याज का स्टॉक शुरू कर दिया था ताकि दाम बढ़ने के वक्त अतिरिक्त स्टॉक बाजार में उतारा जा सके। पिछले साल नैफेड ने 57 हजार टन प्याज का स्टॉक किया था, लेकिन इसमें से 30 हजार टन प्याज खराब हो चुका था। सिर्फ 57 हजार टन बाजार में उतारा जा सका। लेकिन इस बार स्थिति ठीक है। इस बार नैफेड ने एक लाख टन प्याज का स्टॉक किया था, जिसमें से सिर्फ 25 हजार टन ही खराब हुआ है। इस बीच, प्याज की कीमत बढ़ने के साथ ही केरल, असम, तमिलनाडु, आंध्र प्रदेश, तेलंगाना और लक्षद्वीप से 35 हजार टन प्याज का ऑर्डर मिला है। नैफेड राज्यों को 26 रुपये किलो के हिसाब से प्याज दे रहा है।