नई दिल्ली। देश में पेट्रोल-डीजल के बाद अब आलू महंगा हो गया है। कीमतों में तेजी की वजह वजह कम सप्लाई को माना जा रहा है। इसके अलावा उत्पादन में भी इस साल गिरावट आई है। इससे आपका रसोई खर्च बढ़ जाएगा। हालांकि, एक्सपर्ट्स मानते है कि इससे किसानों को ज्यादा फायदा मिलने की उम्मीद कम ही नजर आती है। इसके अलावा पिछले दो साल से आलू का भाव सस्ता रहने से किसानों ने आलू का बुआई रकबा 5-7 फीसदी घटाया है। इस वजह से आलू के उत्पादन में 10-20 फीसदी की गिरावट आई है। इसके साथ ही फसल की गुणवत्ता भी कम हो गई है, क्योंकि किसानों ने पिछले साल बीज के लिए पुराने आलू का ही इस्तेमाल किया था।
आलू के बढते दामों पर सरकार की नजर
खुदरा बाजार में आलू की कीमत 25 रुपये पर पहुंच गई है। इसने सरकार की फिक्र बढ़ा दी है। सरकार को आलू जमाखोरी की आशंका है। इसलिए अब स्टॉक लिमिट लगाने की तैयारी हो रही है सरकार ने इसके लिए कमेटी का गठन किया है।
क्यों बढ़े दाम
इस साल उत्तर प्रदेश में आलू का उत्पादन 20 फीसदी घट गया है है। जिसके चलते आलू की कीमतों में तेजी आई है। पिछले साल, किसानों को आलू का भाव 4-5 रुपये प्रति किलोग्राम मिल रहा था। अब उन्हें आलू का भाव 13-15 रुपये प्रति किलो तक मिल रहा है। उत्तर प्रदेश, देश में आलू का सबसे बड़ा उत्पादक राज्य है। उत्तर प्रदेश में पिछले साल 1.6 करोड़ टन आलू का रिकॉर्ड उत्पादन हुआ था। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की सरकार ने 487 रुपये प्रति क्विंटल के न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) की घोषणा की थी। राज्य सरकार ने राज्य के 25 लाख आलू उत्पादकों की मदद के लिए करीब 1 लाख मीट्रिक टन आलू की खरीद भी की थी।
और बढ़ सकती हैं कीमतें
गुजरात में भी कम उत्पादन है। शुरुआती अनुमान के मुताबिक, गुजरात में पिछले साल की 5.4 करोड़ बोरी की तुलना में 3.4 करोड़ बोरी (50 किग्रा का प्रत्येक बैग) का उत्पादन रहने की संभावना है। उपभोक्ताओं को पिछले साल की दर से लगभग दोगुना 18-20 रुपये प्रति किलो का भुगतान करना पड़ रहा है। आगे भी कीमतों में तेजी की संभावना है। आपको बता दें कि पंजाब और यूपी में आलू की फसल भी खराब हुई है। दोनों राज्यो में आलू की 15-20 फीसदी फसल खराब हो गई है।