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भाई की लाश के लिए गिड़गिड़ाती रही गरीब, अस्पताल वाले बोले-ढाई लाख लाओ, ले जाओ, तब विधायक पप्पू भरतौल ने ऐसे की मदद  

विधायक भाई की लाश के लिए गिड़गिड़ाती रही गरीब, अस्पताल वाले बोले-ढाई लाख लाओ, ले जाओ, तब विधायक पप्पू भरतौल ने ऐसे की मदद  

लखनऊ। कोरोना के नाम पर अस्पतालों में लूट खसोट का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा है। ताजा मामला बरेली का है। यहां के एक निजी अस्पताल ने इलाज के दौरान एक युवक की मौत के बाद उसकी डेड बॉडी देने के लिए ढाई लाख रुपये की मांग की। बिथरी चैनपुर विधायक राजेश मिश्रा के फोन के बाद अस्पताल ने गरीब को उसके भाई की डेड बॉडी दी।

ऊषा बरेली की कूर्मांचल नगर कॉलोनी में रहती हैं। उनके भाई दिनेश को पिछले महीने कोराना हुआ था। दिनेश ने हाल ही में होटल मैनेजमेंट की पढ़ाई पूरी की थी। लॉकडाउन के दौरान वह घर आया तो संक्रमित हो गया। ऊषा ने भाई को श्री राममूर्ति मेडिकल कॉलेज में भर्ती कराया। हालत में कुछ सुधार होने पर उसे 25 मई को स्टेडियम रोड के निजी अस्पताल में भर्ती करा दिया।

13 जून की रात तोड़ दिया दम 

ऊषा ने बताया कि दिनेश की तबियत में तेजी से सुधार हो रहा था। उसकी रिपोर्ट कोरोना निगेटिव आ गई थी। मगर, रविवार की रात उसने दम तोड़ दिया। भाई की मौत के बाद अस्पताल ने ऊषा को ढाई लाख का बिल थमा दिया और कहा कि पैसे जमा करने पर ही उसे डेड बॉडी दी जाएगी।

अस्पताल में पहले जमा कर चुकी थी दो लाख रुपये 

ऊषा ने बताया कि भाई का इलाज शुरू होने के बाद से वह अस्पताल में एक लाख नब्बे हजार रुपये जमा कर चुकी थी। इसके अलावा उसने दो लाख रुपये की दवा भी खरीदी थी। मेडिकल कॉलेज के बाद अस्पताल में भाई का इलाज कराने के दौरान जेवर और घर में रखा दूसरा सामान बिक गया था। ऐसे में उसके पास कुछ भी नहीं बचा था।

सबने मुंह फेर लिया तो विधायक से लगाई मदद की गुहार 

अस्पताल ने भाई का शव रोका तो ऊषा भागी-भागी भाजपा नेता व समाजसेवी सुधा रावत के पास पहुंची। सुधा रावत ने कुछ जनप्रतिनिधियों को फोन किया तो उन्होंने कोरा आश्वासन देकर फोन काट दिया। ऐसे में सुधा रावत ने मदद के लिए बिथरी चैनपुर विधायक राजेश मिश्रा को फोन किया।

विधायक को फोन करते ही अस्पताल में मदद को पहुंची टीम 

विधायक पप्पू भरतौल इन दिनों शहर में नहीं हैं। सुधा रावत के फोन के बाद उन्होंने ऊषा की मदद के लिए अस्पताल में टीम भेजी। टीम ने अस्पताल प्रबंधन से बात की। उन्हें सुधा के हालातों का हवाला दिया। मगर, प्रबंधन नहीं मान और परिवार को सलाह दी कि वो सीएमओ से लिखवाकर लाए। अस्पताल के टालू रवैये की जानकारी मिलने पर विधायक ने दुबारा फोन किया। इसके बाद अस्पताल प्रबंधन हरकत में आया और ऊषा को उसके भाई की डेड बॉडी सौंप दी।

हमारे लिए किसी फरिश्ते से कम नहीं हैं विधायक पप्पू भरतौल 

ऊषा ने कहा कि विधायक पप्पू भरतौल उनके लिए किसी फरिश्ते से कम नहीं हैं। दुख की घड़ी में विधायक ने जिस तरह उनका साथ दिया है, उनका धन्यवाद देने के लिए हमारे पास शब्द नहीं हैं। अस्पताल में हम पहले ही एक लाख नब्बे हजार रुपये जमा कर चुके थे। करीब दो लाख रुपये की दवाएं लेने के बाद हमार पास कुछ भी नहीं बचा था। जब किसी ने हमारी बात नहीं सुनी उस वक्त पप्पू भरतौल हमारे काम आए।

कुछ दिन पहले ही होटल मैनेजमेंट की पढ़ाई करके लौटा था दिनेश 

दिनेश कुछ दिन पहले ही होटल मैनेजमेंट की पढ़ाई करके लौटा था। घर लौटने के बाद वह नौकरी तलाश रहा था। मगर नियति को शायद कुछ और ही मंजूर था। वह घर लौटने के बाद कोरोना की चपेट में आ गया और इलाज कराते-कराते उसने दम तोड़ दिया।

लोगों के घर में काम करके भाई-बहन को पढ़ाया ऊषा ने 

ऊषा ने लोगों के घर में काम करके भाई बहन को पढ़ाई करायी। भाई को होटल मैनेजमेंट कराने के साथ ही उसने अपनी छोटी बहन को एमबीए कराया। ऊषा सुबह से देर शाम तक लोगों के घरों में काम करती है। बोली, भाई के आने के बाद लगा था कि मेरे कंधों का बोझ कुछ कम होगा, मगर ईश्वर को शायद कुछ और ही मंजूर था।

पहले भी लोगों की मदद कर चुके हैं बिथरी विधायक 

बिथरी चैनपुर विधायक पप्पू भरतौल पहले भी लोगों की मदद कर चुके हैं। अस्पतालों के भारी भरकम बिल से उन्होंने तमाम लोगों को राहत दिलवाई है। राजस्थान के एक शख्स और बरेली के गांव के रहने वाले शख्स की पत्नी के इलाज का भी दो अस्पतालों ने भारी भरकम बिल बनाया था। विधायक के दखल के बाद दोनों अस्पतालों ने बिल कम किया।

 

अस्पताल वाले दिनेश की डेड बॉडी देने को तैयार नहीं थे। उनका कहना था कि बिल जमा होने के बाद ही ऊषा अपने भाई की बॉडी ले जा सकती है। ऐसे में विधायक पप्पू भरतौल उसकी मदद को आगे आए। अस्पताल प्रबंधन से फोन पर बात करने के साथ ही उन्होंने अपनी टीम भी वहां पर भेजी। एक जनप्रतिनिधि को वास्तव में ऐसा ही होना चाहिए। वह वाकई जनता की दिल से सेवा कर रहे हैं।

सुधा रावत, भाजपा नेता और समाजसेवी

 

मेरे पास ऊषा की मदद के लिए फोन आया था। मैंने अस्पताल प्रबंधन से बात की और अपनी टीम को वहां भेज दिया। अस्पताल प्रबंधन ने ऊषा को दिनेश की डेडबॉडी दे दी। मैं हर वक्त जनता के लिए हाजिर हूं। जनता के लिए जो भी बन पड़ेगा करूंगा। आपदा में लोगों को गरीब जनता की मदद का अवसर दिया है। मगर कुछ लोग गरीबों को लूट रहे हैं, यह शर्मनाक है।

राजेश मिश्रा उर्फ पप्पू भरतौल, विधायक बिथरी चैनपुर

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