अयोध्या। लम्बे वक्त से अयोध्या विकास का राह देख रही है। दशकों बाद सूबे की सत्ता में भाजपा आई है। भाजपा ही वो पार्टी है जिसने अयोध्या और रामलला को लेकर पहली बार जनता के सामने लाने का काम किया था। इसके पहले अयोध्या केवल किताबों तक ही सीमित हुआ करती थी। लेकिन भाजपा ही थी जिसने इन दोनों की जीवंत किया।
योगी का अयोध्या दौरा और सियासत
सूबे में भाजपा के मुख्यमंत्रियों का अयोध्या प्रेम शुरूआत से ही रहा है। कल्याण सिंह के जमाने से लेकर राजनाथ सिंह तक अयोध्या से ही लखनऊ और दिल्ली की सत्ता तय होती रही है। लेकिन साल 2002 के बाद से सूबे की सत्ता से भाजपा का जाना और केन्द्र की सत्ता से 2004 के बाद भाजपा के जाने के बाद अयोध्या वीरान हो गई थी। राजनीति के हलकों में अयोध्या महज चुनावी मुद्दे के तौर पर ही जानी जाने लगी थी।