इलाहाबाद विश्वविद्यालय की कुलपति का पत्र सामने आने के बाद एक तरफ शासन प्रशासन ने तेजी दिखाते हुए लाउडस्पीकर की दिशा तो बदल दी, लेकिन अब इस पूरे मामले पर राजनीति तेज हो गई है। समाजवादी पार्टी ने इस पूरे मामले पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि जब से भारतीय जनता पार्टी की सरकार प्रदेश में आई है, तब से जाति धर्म की राजनीति पर जोर दिया जा रहा है।
सपा ने बोला सरकार पर हमला
इलाहाबाद यूनिवर्सिटी की कुलपति प्रोफेसर संगीता श्रीवास्तव ने मस्जिद में लाउडस्पीकर से होने वाली अजान से नींद में खलल पढ़ने को लेकर शासन प्रशासन से पत्र लिखकर कार्रवाई की मांग की। इसके बाद अब इस पूरे मामले पर राजनीति तेज हो गई है। इस पूरे मामले पर जब हमने समाजवादी पार्टी से बातचीत करने का प्रयास किया।
तब समाजवादी पार्टी के प्रवक्ता अनुराग भदौरिया ने कहा कि उत्तर प्रदेश में जब से भारतीय जनता पार्टी की सरकार आई है, तब से जाति धर्म की राजनीति पर जोर दिया जा रहा है। आखिर क्यों नहीं यहां राष्ट्र निर्माण की बात होती है। राष्ट्र निर्माण की बात होती तो विकास की बात हो पाती, प्रदेश में यहां युवा बेरोजगार घूम रहा है, बेरोजगारी से युवा आत्महत्या कर रहा है। रोजगार दिलाने की राजनीति होनी चाहिए। महंगाई यहां कमरतोड़ है, महंगाई से लोग परेशान हैं, जीना मुश्किल हो गया है। इस पर चर्चा क्यों नहीं होती? महिला सम्मान के बारे में चर्चा क्यों नहीं होती?
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मुस्लिम धर्म गुरु बोले, कुलपति को पता होना चाहिए कि अपना देश गंगा जमुनी तहजीब के लिए जाना जाता है
इस पूरे मामले पर जब हमने मुस्लिम धर्मगुरु फिरंगी महली से बातचीत करी तो उन्होंने बताया कि इलाहाबाद विश्वविद्यालय के कुलपति ने जो पत्र लिखकर अजान पर आपत्ति जताई है तो उन्हें यह पता होना चाहिए कि अपना देश गंगा जमुनी तहजीब के लिए जाना जाता है। हमारे यहां मंदिरों में लाउडस्पीकर लगाकर कीर्तन भी होते हैं और मस्जिदों से नमाज में पढ़ी जाती है। हमारा देश हमेशा से गंगा और जमुना तहजीब को बढ़ावा देने वाला देश रहा है। यहां सभी धर्म एक साथ रहते आये है।
लाउडस्पीकर चलाने के ये हैं नियम
क्या कहता है प्रशासन
इस पूरे मामले पर जब हमने इलाहाबाद आईजी रेंज के पी सिंह से बातचीत करी तो उन्होंने बताया कि इलाहाबाद विश्वविद्यालय के कुलपति के द्वारा अजान हो रही नींद में खलल को लेकर के पत्र दिया गया था। इसके बाद इस पूरे मामले का संज्ञान लिया जा रहा है। माननीय सर्वोच्च न्यायालय के आदेश है कि रात में 10:00 बजे से लेकर सुबह 6:00 बजे तक किसी भी तरह से ध्वनि प्रदूषण ना होने पाए यदि ऐसा हुआ है तो इसकी भी परमिशन शासन से ली गई है या नहीं इस पर जांच करेंगे और जो भी दोषी होंगे उन पर कार्रवाई की जाएगी।