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श्रीलंका में राजनीतिक संकट चरम पर,स्पीकर ने कहा समाधान जल्दी नहीं हुआ तो रक्तपात की आशंका

श्रीलंका में राजनीतिक संकट चरम पर,स्पीकर ने कहा समाधान जल्दी नहीं हुआ तो रक्तपात की आशंका

श्रीलंका राजनीतिक संकटः पूर्व राष्ट्रपति महिन्दा राजपक्षे ने सोमवार को देश के नये प्रधानमंत्री का पद भार ग्रहण किया है। इससे पहले अपदस्थ किए गये रानिल विक्रमसिंघे ने कहा कि उन्हें संसद में अभी तक बहुमत प्राप्त है। वहीं स्पीकर ने कहा कि यदि इस राजनीतिक संकट का तुरंत समाधान हीं नहीं निकाला गया तो सड़कों पर रक्तपात हो सकता है।

 

श्रीलंका में राजनीतिक संकट चरम पर,स्पीकर ने कहा समाधान जल्दी नहीं हुआ तो रक्तपात की आशंका
श्रीलंका में राजनीतिक संकट चरम पर,स्पीकर ने कहा समाधान जल्दी नहीं हुआ तो रक्तपात की आशंका

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आपको बता दें कि राष्ट्रपति सिरीसेना ने शुक्रवार को विक्रमसिंघे को प्रधानमंत्री पद से बर्खास्त कर दिया था। उनकी जगह राजपक्षे को नया प्रधानमंत्री नियुक्त करने की घोषणा की थी। और दो दिन बाद राजपक्षे ने प्रधानमंत्री सचिवालय में अपना पद भार संभाल लिया। अपदस्थ कर दिए गये प्रधानमंत्री विक्रमसिंघे इसका उपयोग नहीं करते थे।राष्ट्रपति मैत्रीपाला सिरीसेना के नये मंत्रिमंडल को भी शपथ दिलायी गयी। जिसमें राजपक्षे का नाम वित्त एवं आर्थिक मामलों के नये मंत्री के रूप में है। नये मंत्रिमंडल में महज 12 मंत्री हैं, जिनमें एक राज्य मंत्री एवं एक उप मंत्री है। नये मंत्रियों में तीन वे भी हैं जो विक्रमसिंघे की यूनाइटेड नेशनल पार्टी (यूएनपी) से पहुंचे हैं।

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मंत्रिमंडल का एक नया चेहरा डगलस देवानंद हैं। जाफना के उत्तरी जिले से आने वाले देवानंद को पुनर्स्थापन एवं पुनर्वास, उत्तरी विकास एवं हिन्दू धार्मिक मामलों का मंत्री बनाया गया है। अरूमुगम थोंडामन को पर्वतीय क्षेत्र विकास का मंत्री बनाया गया है। वह केन्द्रीय चाय बागान में भारतीय मूल के तमिलों का प्रतिनिधित्व करते हैं।

सिरीसेना ने संसद को 16 नवंबर तक स्थगित कर दिया है। क्योंकि विक्रमसिंघे ने अपना बहुमत साबित करने के लिए संसद का आपात सत्र बुलाने का अनुरोध किया था। श्रीलंकाई संसद के अध्यक्ष (स्पीकर) कारू जयसूर्या ने आगाह किया है कि रक्तपात हो सकता है। क्योंकि कुछ लोग इस मुद्दे को सड़कों पर सुलझाना चाहते हैं।

आपको बता दें कि विक्रमसिंघे अभी तक प्रधानमंत्री के टेंपल ट्रीज कार्यालय सह निवास में बने हुए हैं। उन्होंने सोमवार को कहा कि उन्हें संसद में बहुमत हासिल है और संसद की बैठक होने पर वह इसे साबित कर सकते हैं।उन्होंने कहा कि समाधान संसद के पास है और संघर्ष का समाधान निकालने के लिए संसद का सत्र बुलाया जाना चाहिए।मालूम हो कि 2015 में सिरीसेना ने राष्ट्रपति चुनाव में राजपक्षे को हराया था। उन्हें विक्रमसिंघे की यूएनपी का समर्थन प्राप्त है। कोलंबो में सुरक्षा प्रबंधों को चाक चौबंद किया गया है।राष्ट्रपति सिरीसेना के सरकारी आवास वाले क्षेत्र में आम लोगों के जाने पर रोक लगा दी है।

महेश कुमार यादव

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