राजधानी लखनऊ में चालान के नाम पर ट्रैफिक पुलिस के द्वारा लोगों पर दबाव बनाने का काम किया जा रहा था। इस दौरान वाहन चालकों के चालान छोड़ने के नाम पर उनसे वसूली की जा रही थी। इस पूरे मामले को लेकर के वाहन चालक की तरफ से डीसीपी ख्याति गर्ग को शिकायत की गई। इसके बाद इस पूरे मामले की जांच की जा रही थी।जिसमें ट्रैफिक पुलिस के सिपाही व इंस्पेक्टर दोषी पाए गए हैं। जिनको सस्पेंड कर दिया गया है।
लगातार आ रही थी शिकायते
ट्रैफिक पुलिस वाहनों की चेकिंग के नाम पर वाहन चालकों से वसूली किए जाने की घटना को लेकर के कई शिकायतें राजधानी लखनऊ के अलग-अलग क्षेत्रों से आ रही थी।इसके बाद इस पूरे मामले पर डीसीपी ख्याति गर्ग की तरफ से जांच में ट्रैफिक पुलिस की सूक्ति पर पुष्टि हो गई। चौराहे पर तैनात सिपाही वाहन चालकों को रोककर उनको चालान कम काटे हैं उसके बाद वाहन चालकों से चालान राशि का आधार शुल्क लेकर आना को छोड़ देते हैं।इस तरह की कई घटनाएं लगातार शिकायत मिलने पर मामले की जांच की। इसमें दोष सिद्ध होने पर पुलिसकर्मियों को सस्पेंड किया गया है
डीसीपी ट्रैफिक ने दी जानकारी
डीसीपी ट्रैफिक ख्याति गर्ग ने इस पूरे मामले की जांच कर रही है उन्होंने बताया कि राजधानी लखनऊ के सबसे व्यस्त चौराहे परिवर्तन चौक पर केशभानु सिंह की एक वाहन चालक ने शिकायत की थी। सिपाही ने फोटो खींचकर वाहन का 500 का चालान करने का दबाव बनाया इसके बाद वाहन चालक से पैसे लेकर उसे छोड़ने का मामला सामने आया था। जिसमें जांच की और अनियमितता पाई। जिसके बाद सिपाही को सस्पेंड कर दिया गया।इसी तरह चिनहट चौराहा पर भी तमाम तरह की घटनाएं सामने जिसमे जांच की गई और ऐसे में ड्यूटी पर तैनात सिपाही गोरखनाथ ,सतीश कुमार ,अरविंद सिंह इन सभी को निलंबित कर दिया गया है।