मेरठ। पश्चिमी उत्तर-प्रदेश की क्राइम कैपिटल मेरठ में अपराधी अब कैमरो की नजर में कैद होगे। करोड़ों की लागत से मेऱठ में ट्रैफिक पुलिस के लिए प्रदेश का पहला अत्याधुनिक कंट्रोलरूम तैयार किया गया है। इस कंट्रोल रूम की जद में शहर से गुजरने वाली हरेक सड़क होगी। मतलब अब आप इस कैमरे की पूरी जद में हैं। तीसरी आँख अब शहर पर काबिज रहेगी। जैसे जैसे अपराध की रफ्तार तेज होती जा रही है। उसी के साथ अब पुलिस ने भी हाईटेक होना शुरू कर दिया है। एसपी ट्रैफिक संजीव वाजपेई की पहल निश्चित तौर पर एक शानदार कदम है।
पुलिस का जमीनी मुखबिर तन्त्र खत्म होने के बाद कानून-व्यवस्था की बागडोर कैमरों के हाथ है। मेरठ शहर के ट्रैफिक कंट्रोल के लिए निजी कंपनी के साथ मिलकर पुलिस ने एक अल्ट्रा मार्डन कंट्रोल रूम तैयार किया गया है। इस कंट्रोलरूम में लगी एलईडी स्क्रीन्स पर चौबीसों घंटे शहर में हो रही एक-एक हरकत कैद होगी। शहर के अलग-अलग मोबाइल टावर्स पर लगे 228 पावरफुल कैमरे इस कंट्रोलरूम को पल-पल की जानकारी लाइव देगें। प्रदेश में ट्रैफिक पुलिस के लिए यह पहला अल्ट्रामार्डन कंट्रोल रूम है।
ये कैमरे शहर के जाम, ट्रैफिक नियम तोड़ने वालों और ट्रैफिक पुलिस की हरकत पर नजर रखेगे। तीसरी आँख डायल हन्ड्रैड और ट्रैफिक एन्जिल्स पर भी होगी। कंट्रोल रूम में जाम दिखने पर शहर के प्वाइंट्स पर मौजूद पुलिस सहायता तत्काल मुहैया कराई जा सकेगी। इसके अलावा अपराध पर नकेल कसने में भी इस कंट्रोलरूम का अहम रोल होगा। इन कैमरों के साथ लगे ऑटोमैटिक नंबर प्लेट रीडर कैमरे अपराध करके भाग रहे बदमाशों के वाहनों के नंबरों पर फोकस करेगा जिससे अपराधी को ट्रेस किया जा सकेगा।
तकनीक के लिहाज से बेहद अपडेट इस कंट्रोलरूम के जरिये सड़क पर महिलाओं से होने वाली चैन स्नैचिंग, स्कूली छात्राओं से छेड़छाड़ जैसे गंभीर अपराध भी रोके जा सकेगे। 20 अप्रैल से यह कंट्रोलरूम विधिवत् काम करना शुरू करेगा। अपराधियों पर नकेल कसने और लोगों की हिफाजत के लिए मेरठ की ट्रैफिक पुलिस और एसपी ट्रैफिक संजीव वाजपेई की मुस्तैदी ने एक नया कीर्तिमान स्थापित कर दिया है।