मेरठ में बसपा नेता हाजी याकूब की गुंडाफैमिली अब कानून के शिकंजे में है। मेरठ पुलिस ने कड़ी कार्रवाई करते हुए याकूब समेत उनके परिवार के आठ आरोपियों के खिलाफ गैरजमानती वारंट हासिल किया है। याकूब के परिजनों के आठ शस्त्र लायसेंस अब निरस्त हुए और याकूब के दामाद समेत तीन लोगों पर गुंडाएक्ट लगाया गया है। पुलिस की कार्रवाई से तिलमिलाए याकूब ने अब नेतागीरी चमकाते हुए राजनीति का सहारा लिया है और पुलिस-प्रशासन और मीडिया को गीदड़ धमकियां देना शुरू कर की है।
कानून को कमजोर समझने वाले बसपा नेता हाजी याकूब के पापों का घड़ा अब भर गया है। मेरठ पुलिस ने चारों ओर से याकूब और उसकी गुंडाफैमिली पर कानून का घेरा बनाया है। याकूब फैमिली के चार शस्त्र लायसेंस रद्द कर दिए गए है। एमपीजीएस स्कूल में गुंडागर्दी के मामले में याकूब के दामाद समेत तीन पर गुंडाएक्ट लगाया गया है। अब कोर्ट ने भी याकूब और उसके परिवार के 8 लोगों के खिलाफ गैरजमानती वारंट जारी किया है। 2012 में हाजी याकूब कुरैशी, उनके दो बेटे भाई और परिवार के 4 और लोगो के खिलाफ रंगदारी का मुकदमा लिसाड़ी गेट में दर्ज हुआ था।
पुलिस की कार्रवाई से खौफ में आए याकूब ने अब अपने सहारे तलाशने शुरू कर दिए हैं। समाजवादी पार्टी, कांग्रेस और राष्ट्रीय लोकदल के नेताओं के साथ याकूब ने बैठक की और पुलिस-प्रशासन के अफसरों के खिलाफ जहर उगलना शुरू किया। अफसरों को याकूब ने बीजेपी नेताओं के तलवे चाटने वाला टुच्चा कहा। याकूब का जहर यहीं नही रूका, उसने मायावती के अनुशासन को की धज्जियां उड़ाते हुए ऐलान किया कि यूपी में 2019 के लिए महागठबंधन तय हो गया है। उसने कहा कि अगर उसके खिलाफ कार्रवाई की गई तो मेरठ शहर को सील कर दिया जाएगा।